कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी इसलिए बन गया क्योंकि यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है और इस तरह इंफेक्शन की पूरी चेन सी बन जाती है. कोविड-19 (Covid-19) से पीड़ित मरीजों में सामान्य तौर से सूखी खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन ज्यादातर मरीज ऐसे भी हैं जिनमें ऐसे कोई लक्षण दिखाई तो नहीं देते लेकिन वे संक्रमित होते हैं. यही नहीं टेस्ट किए बिना यह पता नहीं लगाया जा सकता कि वे कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं.
जिन लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते उन्हें साइलंट कैरियर्स (Silent Carriers) कहा जाता है. ऐसे में अब यह बात सामने आई है कि चीन में कोरोनावायरस के कुल संक्रमित मरीजों में एक तिहाई साइलंट कैरियर्स थे. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में चीन की सरकार द्वारा तैयार किए गए ऐसे ही रिकॉर्ड साझा किए हैं.
हालांकि साइलंट कैरियर्स की बात पहली बार सामने आई है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस बात का डर जता चुका था. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ कोरोनावायरस प्रभावित देशों से बार-बार ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने की अपील कर रहा है.
डॉक्टर्स समेत कई विशेषज्ञ शुरू से यह कह रहे हैं कि भारत में कोरोनावायरस के ज्यादा मामले इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं क्योंकि टेस्ट ही ज्यादा नहीं किए जा रहे हैं. भारत में आमतौर पर उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है, जो विदेश से वापस लौटे हों और जिन्हें खांसी, जुकाम या बुखार की शिकायत है. इसके अलावा ऐसे लोगों के संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जा रही है. वहीं सरकार की ओर से की गई रैंडम सैंपलिंग में कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि नहीं पाई गई.
वहीं, अब एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 के कुछ मरीजों की सूंघने की क्षमता भी खो जाती है. ईएनटी-यूके ने 21 मार्च को एक पेपर जारी कर बताया कि उन्हें कोविड-19 के मरीजों में सूंघने की क्षमता खोने के प्रमाण मिले हैं.
ईएनटी-यूके के पेपर के मुताबिक, "दक्षिण कोरिया, चीन और इटली में कोविड-19 के ऐसे ढेरों मरीज मिले हैं जो अचानक सूंघने की क्षमता खो चुके हैं. ये वो मरीज थे जिनमें कोरोनावायरस के सामान्य लक्षण नहीं मिले. जर्मनी में पाया गया कि हर तीन में से दो मामले ऐसे थे जिनमें यह समस्या पाई गई. दक्षिण कोरिया में 30 फीसदी कोरोनावायरस के मरीजों में पाया गया कि उनकी सूंघने की क्षमता जा चुकी है."
भारत में कोरोनावायरस का संक्रमण अभी सेकेंड स्टेज पर है, लेकिन मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. खबर लिखे जाने तक भारत में कोविड-19 के कुल 492 पॉजिट मामलों की पुष्टि हुई है. इस भयंकर वायरस की तीसरी स्टेज को कम्यूनिटी ट्रांसमिशन कहा जाता है. भारत में स्थिति तीसरी स्टेज तक न पहुंचे इसके लिए कई एहतियातन कदम उठाए गए हैं. देश के ज्यादा शहरों को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से लॉकडाउन कर दिया गया है.
ऐसे में भारत में कोविड-19 के साइलंट कैरियर्स का पता लगाने में ये रिपोर्ट काफी उपयोगी साबित हो सकती है.
साथ ही यह भी साफ है कि सिर्फ लॉकडाउन करना ही काफी नहीं है, तेजी से फैलते इस संक्रमण से प्रभावित लोगों का पता लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट भी करने होंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं