इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और सर्दियों के मौसम में इसका प्रभाव हमें साफ महसूस भी होने लगता है. वायु प्रदूषण हमारे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है, साथ ही हमारे शरीर के लिए भी यह बहुत हानिकारक साबित हो रहा है. वहीं, प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण लोग सांस से संबंधित कई गंभीर बीमारियों की भी चपेट में भी आ रहे हैं. नवंबर के महीने में स्माग की वजह से भी अक्सर लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्माग की वजह से आंखों में जलन होना, आंखों से पानी बहना, आंखों का लाल हो जाना वायु प्रदूषण का सबसे प्रमुख लक्षण है. इसके साथ ही खांसी और नाक में जलन जैसी दिक्कतें भी आपको महसूस हो सकती हैं. कई राज्यों में नवंबर-दिसंबर के महीने में वायु प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि खुली हवा में सांस लेना काफी मुश्किल होने लगता है. इससे निपटने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपायों को आजमाकर अपना बचाव कर सकते हैं.
वायु प्रदूषण या स्मॉग से होने वाली मुख्य समस्याएं (Health Problems Related To Air Pollution Or Smog)
सांस लेने में तकलीफ या खांसी (Breathing Problems Or Cough).
आंखों में जलन (Eye Irritation).
बंद नाक या नाक में जलन (Nose Congestion).
गले में खराश या दर्द (Sore Throat).
त्वचा पर दाने (रैशेज) या खुजली (Skin Rashes Or Itching).
बालों का झड़ना (Hair Fall).
बचाव के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय (Ayurvedic Home Remedies For Prevention)
- अगर दूषित हवा के सम्पर्क में आने से आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इससे बचाव के लिए आप भाप ले सकते हैं. भाप के लिए आप गर्म पानी में नीलगिरी का तेल डालें और पांच से दस मिनट तक भाप लें. आप चाहें तो सिर्फ़ सादे पानी को गर्म करके भी उसकी भाप ले सकते हैं.
- कोशिश करें कि इन दिनों बाहर कम ही निकलें और निकलने पर मास्क लगाए
- आंखों में जलन के अलावा आंखों से पानी बहना या आंखों के लाल होने की समस्या होने पर अपनी उंगलियों पर थोड़ा सा घी लें और इसे अपनी पलकों पर काजल की तरह लगाएं. निरंतर इसका उपयोग करने के बाद आंखों में जलन या आंखों के लाल होने की समस्या में राहत मिल सकती है.
- नाक में जलन या नाक का बंद होने पर आसन तरीका यह है कि बाहर निकलते समस्या अच्छी तरह मास्क लगाएं. दूसरा, घी या अणु तेल (आयुर्वेदिक औषधि) का उपयोग कर सकते हैं.
- वायु प्रदूषण के कारण गले में खराश या दर्द की समस्या भी हो सकती है. गले में खराश होने पर गुनगुने पानी में नमक या बीटाडीन डालकर गरारे करें. इसके अलावा एक चम्मच शहद में थोड़ा सा मुलेठी चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें.
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