Happy Ram Navami 2017: दक्षिण भारत में खास है रामनवमी मनाने का अंदाज

Happy Ram Navami 2017: दक्षिण भारत में खास है रामनवमी मनाने का अंदाज

रामनवमी पर कई मंदिरों में ‘रामचरित्रमानस’ का आयोजन किया जाता है.

नई दिल्‍ली:

रामनवमी वसंत नवरात्रि की परिणति है. जैसे की नाम से ही पता चल रहा है भगवान राम के जन्‍म की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन का हिंदू कैलेंडर में काफी महत्‍व है. भगवान राम, जिन्‍हें भगवान विष्‍णु का सातवां अवतार माना जाता है, का जन्म राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था. चैत्र मास की नवमी तिथि पर चार अप्रैल को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. चैत्र मास की शुरूआत नवरात्रि से होती है.

दक्षिण भारत में ऐसे मनाई जाती है राम नवमी
जहां एक ओर नवरात्रे उत्तर भारत और गुजरात में अधिक उत्साह के साथ मनाए जातं हैं, वहीं रामनवामी देश के दक्षिणी भाग में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. विशेष रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में इस शुभ दिन से संबंधित कई समारोह का आयोजन किया जाता है. दक्षिण भारत में एक हिंदू तीर्थ स्थल भद्राचलम में माना जाता है कि इस दिन भगवान राम और सीता की शादी हुई थी. उत्तर प्रदेश में अयोध्या के अलावा, रामेश्वरम मंदिर एक और पवित्र स्थल है जहां इस दिन को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
 

ram navami

भद्राचलम में माना जाता है कि इस दिन भगवान राम और सीता की शादी हुई थी.

रामनवमी पर रस्में और समारोह
इस दिन देशभर के मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है. कई मंदिरों में ‘रामचरित्रमानस’ का आयोजन किया जाता है. इस दौरान पालने में भगवान राम की प्रतिमा को रखा जाता है और इसे फूलों से सजाया जाता है. भद्राचलम और दक्षिण के अन्य कई मंदिरों में इस दिन राम और सीता की शादी का आयेाजन भी किया जाता है, इसे सीताराम कल्‍यानम कहा जाता है.
 
इसका लगता है भोग
हर भारतीय महोत्‍सव में पकवान भी बेहद खास होते हैं. दक्षिण भारत में इस दिन भगवान राम को प्रसादम चढ़ाया जाता है. इस पारंपरिक प्रसाद को इस विशेष दिन पर विनम्रता से तैयार किया जाता है. इस प्रसाद को 'नैवेद्यम' कहा जाता है, जो एक प्रकार का लड्डू होता है. इसके अलावा भी दक्षिण भारत में कई अन्‍य प्रकार के प्रसाद भी तैयार किए जाते हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में-

पानकम्: यह एक प्रकार का ड्रिंक होती है जो शीतलता का अहसास करती है. इसे गुड़, इलायची और अदरक से बनाया जाता है.
  नीर मोर: जैसा की सब जानते हैं चैत्र एक गर्म महीना हो है, ऐसे में इस त्यौहार पर बनाए गए सभी प्रसाद ठंडी प्रकृति के होते हैं. नीर मोर एक प्रकार का पतला तिल है जो तमिलनाडु में प्रसाद के रूप में भी तैयार किया जाता है.

वारा पदयूपु/ वदई पररूपु: यह राम नवमी पर तैयार की जाने वाली एक सलाद है. इसके लिए मूंग की दाल को एक घंटे के लिए पानी में भिगो दिया जाता है. अब इसमें से पानी निकालकर नमक, कटी हरी मिर्च, कटा नारियल डाल दें और पीस लें.

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