पाकिस्तान के एक जाने-माने मौलाना ने प्रधानमंत्री इमरान खान की उपस्थिति में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि ''महिलाओं के गलत काम'' की वजह से दुनिया को कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर को झेलना पड़ रहा है. दरअसल, मौलाना ने यह टिप्प्णी 23 अप्रैल को एक लाइव टीवी प्रोग्राम के दौरान की थी, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल थे.
गुरुवार को आयोजित किए गए एक फंडरेजिंग कार्यक्रम के दौरान मौलाना ने यह टिप्पणी की थी. जिस वक्त मौलाना तारिक जमील ने महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया, उस वक्त पीएम इमरान खान भी वहीं मौजूद थे. हालांकि, इस तरह की बयानबाजी करने पर पीएम इमरान खान ने न ही मौलाना को रोका और न ही उनसे किसी तरह का सवाल किया.
इतना ही नहीं, मौलाना जमील ने झूठ फैलाने के लिए मीडिया की निंदा भी की लेकिन बाद में उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी. हालांकि, उन्होंने महिलाओं पर अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कोई माफी नहीं मांगी. मौलाना की इस टिप्पणी पर पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग ने अपनी आपत्ति दर्ज की.
मानव अधिकार आयोग ने मौलान के बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा, ''कमीशन इस बात को लेकर अफसोस जताता है कि मौलान ने महिलाओं के सम्मान को कोविड-19 महामारी से जोड़ दिया. इस तरह से वस्तुकरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता और टीवी पर ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम ऑन एयर होने के बाद लोगों के बीच गलत संदेश जाते हैं''.
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने इस बारे में अपने एडिटोरियल में लिखा, महिलाओं पर इस तरह के बयान परेशान करने वाले हैं और यह टीवी पर भी ऑन एयर होते हैं लेकिन इन्हें चुनौती देने वाला कोई नहीं है. डॉन ने लिखा, "यह शर्मनाक है कि मौलाना को ऐसे बयान देने के वक्त ही नहीं रोका गया. सच्चाई यह है कि कोरोनावायरस के बाद पाकिस्तान और कई अन्य देशों में महिलाओं को खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं."
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