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This Article is From Dec 17, 2019

स्त्री-पुरुष समानता के मामले में बांग्‍लादेश और श्रीलंका से भी पीछे भारत, लिस्‍ट में मिला 112वां स्‍थान

2006 में भारत 98वें पायदान पर था. आज भारत की रैंकिंग उससे भी कम है.

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स्त्री-पुरुष समानता के मामले में बांग्‍लादेश और श्रीलंका से भी पीछे भारत, लिस्‍ट में मिला 112वां स्‍थान
विश्व आर्थिक मंच ने रिपोर्ट जारी की है.
नई दिल्ली:

महिलाओं की स्वास्थ्य, सर्वाइवल और आर्थिक भागीदारी क्षेत्र में स्थिति खराब होने के बीच स्त्री-पुरुष असमानता पर तैयार रिपोर्ट में भारत एक साल पहले के मुकाबले चार पायदान फिसलकर 112 वें स्थान पर पहुंच गया है. स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी, इन दो क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत सबसे निचला स्थान पाने वाले पांच देशों में शामिल है. विश्व आर्थिक मंच की महिला और पुरुषों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते फासले से संबंधित वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है. भारत पिछले साल इस सूची में 108वें पायदान पर था. विश्व आर्थिक मंच की स्त्री - पुरुष असमानता रिपोर्ट में भारत का स्थान चीन (106), श्रीलंका (102), नेपाल (101), ब्राजील (92), इंडोनेशिया (85) और बांग्लादेश (50) से भी नीचे है.

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विश्व बैंक ने अपनी पहली स्त्री - पुरुष असमानता रिपोर्ट 2006 में पेश की थी. उस समय भारत 98वें पायदान पर था. आज भारत की रैंकिंग उससे भी कम है. तब से लेकर अब तक, रैंकिंग के लिए उपयोग होने वाले चार में से तीन कारकों में भारत की स्थिति खराब हुई है. राजनीतिक सशक्तिकरण में भारत की रैंकिंग सुधरी है जबकि स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता में वह फिसलकर 150 वें स्थान , आर्थिक भागीदारी एवं अवसर के मामले में 149 वें पायदान और शैक्षणिक उपलब्धियों के मामले में 112 वें पायदान पर आ गया है.

मंच ने कहा कि भारत (35.4 प्रतिशत), पाकिस्तान (32.7 प्रतिशत), यमन (27.3 प्रतिशत), सीरिया (24.9 प्रतिशत) और इराक (22.7 प्रतिशत) में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बेहद सीमित हैं. भारत उन देशों में है , जहां कंपनी के निदेशक मंडल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व (13.8) बहुत कम है.

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विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता के मामले में चार बड़े देशों भारत , वियतनाम, पाकिस्तान और चीन की स्थिति बहुत खराब है. यहां लाखों महिलाओं की पुरुष के समान स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है. मंच ने भारत में (100 लड़कों पर सिर्फ 91 लड़कियां) और पाकिस्तान (100 लड़कों पर 92 लड़कियों) जैसे कम लिंग अनुपात को लेकर भी चिंता जताई है.
मंच ने कहा कि भारत ने अपनी समग्र असमानता को दो - तिहाई तक किया है लेकिन भारतीय समाज के एक बड़े छोर में महिलाओं की स्थिति अनिश्चित है और आर्थिक असमानता विशेष रूप से गहरी होती जा रही है.
साल 2006 के बाद से स्थिति खराब हुई है और भारत सूची में शामिल 153 देशों में एकमात्र ऐसा देश है जहां , स्त्री - पुरुष के बीच आर्थिक असमानता , उनके बीच की राजनीतिक असमानता से भी बड़ी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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