अस्थमा के मरीज इस एंटीबॉडी को दवा की तरह ले सकते हैं
नई दिल्ली:
एलर्जी और अस्थमा के मरीजों के लिए खुशखबरी है. जी हां, शोधकर्ताओं ने एक नई एंटीबॉडी विकसित की है, जो वयस्कों में एलर्जी और अस्थमा को रोकने में कारगर होगी. इस एंटीबॉडी को दवा के तौर पर लिया जा सकता है. इस शोध से एलर्जी की प्रभावी दवा बनाने की राह आसान हो सकती है. ये एंटीबॉडी एलर्जी के प्रभाव को रोक देती है.
एलर्जी से रखना है बच्चों को दूर तो उन्हें खिलाएं बादाम, मछली और सोयाबीन
शोधकर्ताओं ने कहा कि एंटीबॉडी मानव शरीर में जटिल जैव रासायनिक प्रक्रिया पर असर डालती है, जिसके द्वारा यह मानव के एलर्जी एंटीबॉडी (आईजीई) को कोशिकाओं से जोड़ने से रोकती है और इस तरह से सभी एलर्जी वाले लक्षणों को होने से रोकती है.
एलर्जी होने पर खुद से दवाएं लेना पड़ सकता है भारी
अरहस विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर एडजार्ड स्पिलनर ने कहा, 'हम अब इस एंटीबॉडी के प्रभावों का इसके लक्ष्य के साथ का वर्णन कर सकते हैं. इससे हमें यह समझने में मदद मिली कि कैसे यह आईजीई के साथ खास रिसेप्टर और शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाओं में हस्तक्षेप करती है, जो एलर्जी की क्रिया में हिस्टामिन को जारी करने के लिए जिम्मेदार होता है.'
जानिए क्यों होता है अस्थमा? INPUT: IANS
एलर्जी से रखना है बच्चों को दूर तो उन्हें खिलाएं बादाम, मछली और सोयाबीन
शोधकर्ताओं ने कहा कि एंटीबॉडी मानव शरीर में जटिल जैव रासायनिक प्रक्रिया पर असर डालती है, जिसके द्वारा यह मानव के एलर्जी एंटीबॉडी (आईजीई) को कोशिकाओं से जोड़ने से रोकती है और इस तरह से सभी एलर्जी वाले लक्षणों को होने से रोकती है.
एलर्जी होने पर खुद से दवाएं लेना पड़ सकता है भारी
अरहस विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर एडजार्ड स्पिलनर ने कहा, 'हम अब इस एंटीबॉडी के प्रभावों का इसके लक्ष्य के साथ का वर्णन कर सकते हैं. इससे हमें यह समझने में मदद मिली कि कैसे यह आईजीई के साथ खास रिसेप्टर और शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाओं में हस्तक्षेप करती है, जो एलर्जी की क्रिया में हिस्टामिन को जारी करने के लिए जिम्मेदार होता है.'
जानिए क्यों होता है अस्थमा? INPUT: IANS
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं