National Unity Day 2020: सरदार वल्लभ भाई पटेल के ये 10 विचार आज भी लोगों को करते हैं प्रेरित

Rashtriya Ekta Diwas: भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज 145वीं जयंती है. हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है.

National Unity Day 2020: सरदार वल्लभ भाई पटेल के ये 10 विचार आज भी लोगों को करते हैं प्रेरित

Sardar Patel's Birth Anniversary: सरदार वल्लभ भाई पटेल के ये 10 विचार आज भी लोगों को करते हैं प्रेरित

National Unity Day 2020: भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज 145वीं जयंती है. हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है. सरदार पटेल की जयंती के मौके पर आज उनको पूरा देश याद कर रहा है. पटेल पेशे से वकील थे. उन्होंने ने ही 562 देशी रियासतों का भारत में विलय करवाया था. भारत को एक राष्ट्र बनाने में वल्लभ भाई पटेल की खास भूमिका है. सरदार पटेल के विचार आज भी लाखों लोगों को प्ररित करते हैं. उनके विचारों को अपना कर युवाओं का जीवन बदल सकता है. आइये जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के 10 अनमोल विचारों के बारे में...

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सरदार वल्लभ भाई पटेल के 10 अनमोल विचार (Sardar Vallabhbhai Patel Quotes)

1. "मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए. लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा. कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा."

2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए."

3. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं."

4. "जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता. अतः जात-पांत के, ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए."

5. "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये."

6. "अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे."

7. "आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए."

8. “कठोर-से-कठोर हृदय को भी प्रेम से वश में किया जा सकता है. प्रेम तो प्रेम है. माता को अपना काना-कुबड़ा बच्चा भी सुंदर लगता है और वह उससे असीम प्रेम करती है.”

9. “अगर हमारी करोड़ों की दौलत भी चली जाए या फिर हमारा पूरा जीवन बलिदान हो जाए तो भी हमें ईश्वर में विश्वास और उसके सत्य पर विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए.”

10. “संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता.”

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