नयी दिल्ली:
इन दिनों पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की औसत उम्र बढ़ी है और इसकी एक बड़ी वजह महिलाओं द्वारा पहले की तुलना में कम बच्चों को जन्म देना है। इसका खुलासा एक नए शोध में हुआ है। इसके मुताबिक, कम प्रजनन दर का महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है।
शोध के अनुसार, जो महिलाएं 15 या उससे ज्यादा बच्चों को जन्म देती हैं, वे उन महिलाओं की अपेक्षा औसतन छह साल कम जिन्दा रहती हैं जिनके महज एक बच्चा होता है। हालांकि पुरुषों के मामले में उनके जीवन पर पिता बनने या नहीं बनने का कोई असर नहीं देखा गया है।
स्वीडन की उप्पसाला विश्वविद्यालय की पोस्टडाक्टोरल शोधार्थी और इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ बोलंड ने बताया, "हमारे निष्कर्ष जनसांख्यिकीय पूर्वानुमान पर आधारित हैं, क्योंकि जन्मदर का पैटर्न और जीवन दर पूरी दुनिया में लगातार बदलती रहती है।" यह अध्ययन 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन में बताया गया है कि 1900 के दशक शुरुआती वर्षो में जन्म लेने वाली महिलाओं का जीवन पुरुषों के मुकाबले चार साल अधिक रहा। इस दौरान प्रजनन दर में भी गिरावट दर्ज की गई। उस दौरान महिलाओं के बच्चा पैदा करने की दर 1800 के शुरुआती सालों के 8.5 बच्चा प्रति महिला से घटकर 4.2 बच्चा प्रति महिला तक आ गया था। इससे जहां महिलाओं के जीवन में वृद्धि हुई। वहीं, पुरुषों का जीवन दर स्थिर रहा।
शोध के अनुसार, जो महिलाएं 15 या उससे ज्यादा बच्चों को जन्म देती हैं, वे उन महिलाओं की अपेक्षा औसतन छह साल कम जिन्दा रहती हैं जिनके महज एक बच्चा होता है। हालांकि पुरुषों के मामले में उनके जीवन पर पिता बनने या नहीं बनने का कोई असर नहीं देखा गया है।
स्वीडन की उप्पसाला विश्वविद्यालय की पोस्टडाक्टोरल शोधार्थी और इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ बोलंड ने बताया, "हमारे निष्कर्ष जनसांख्यिकीय पूर्वानुमान पर आधारित हैं, क्योंकि जन्मदर का पैटर्न और जीवन दर पूरी दुनिया में लगातार बदलती रहती है।" यह अध्ययन 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन में बताया गया है कि 1900 के दशक शुरुआती वर्षो में जन्म लेने वाली महिलाओं का जीवन पुरुषों के मुकाबले चार साल अधिक रहा। इस दौरान प्रजनन दर में भी गिरावट दर्ज की गई। उस दौरान महिलाओं के बच्चा पैदा करने की दर 1800 के शुरुआती सालों के 8.5 बच्चा प्रति महिला से घटकर 4.2 बच्चा प्रति महिला तक आ गया था। इससे जहां महिलाओं के जीवन में वृद्धि हुई। वहीं, पुरुषों का जीवन दर स्थिर रहा।
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