
8 मार्च को भारत के साथ-साथ विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2020) मनाया जाएगा. इस अवसर पर बेंगलुरु में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. वेमपावर (Wempower) नाम के इस कार्यक्रम में पुणे के आदित्य तिवारी (Aitya Tiwari) को ''बेस्ट मॉम'' के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. दरअसल, आदित्य तिवारी ने साल 2016 में डाउन सिंड्रोम से पीड़िता एक बच्चे को गोद लिया था. इस कार्यक्रम में केवल आदित्य को अवॉर्ड ही नहीं दिया जाएगा बल्कि इसके साथ ही वह पैनल डिस्कशन का भी हिस्सा होंगे.
इस बारे में द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए आदित्य ने कहा, ''मैं बेहद ही खुश हूं कि मुझे विश्व की बेस्ट मां के लिए सम्मानित किया जा रहा है. मैं वाकई सबसे मिलने का इंतजार कर रहा हूं और स्पेशल चाइल्ड की देखभाल पर अपने एक्सपीरियंस के बारे में बात करने को लेकर काफी उत्सुक हूं''. आपको बता दें, 2016 में आदित्य ने एक बच्चे को अडॉप्ट किया था और वह एक सिंगल पेरेंट है.
आदित्य ने उस वक्त 22 महीने के अविनीश को गोद लिया था और बच्चे की देखभाल करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी. वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. अविनीश को गोद लेने के बाद आदित्य ने स्पेशल बच्चों के माता-पिताओं को काउंसलिंग देना और उन्हें मोटिवेट करने के साथ-साथ उन्हें गाइड करना शुरू किया था. आदित्य अपने बेटे अविनीश के साथ अब तक 22 राज्यों में घूम चुके हैं, जहां उन्होंने कई सारी मीटिंग्स, वर्कशऑप और कॉन्फ्रेंस आदि में हिस्सा लिया है.
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आदित्य ने कहा, ''हम दुनिया भर में 10,000 माता-पिताओं से जुड़े हुए हैं. हमें संयुक्त राष्ट्र में भी एक कार्यक्रम के लिए बुलाया गया था, जहां मुझे एक स्पेशल बच्चे की देखभाल पर बात करने के लिए कहा गया था''. अवनीश को गोद लेने के बाद, आदित्य ने महसूस किया कि भारत में बौद्धिक रूप से अक्षम बच्चों के लिए कोई अलग श्रेणी नहीं थी, न ही सरकार ने उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र दिया था. आदित्य ने सरकार को एक ऑनलाइन याचिका भेजी थी, जिसके बाद डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के लिए एक अलग श्रेणी बनाई गई है और अब उन्हें विकलांगता प्रमाणपत्र भी जारी किए जाते हैं.
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