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This Article is From Nov 19, 2019

International Men's Day: आज है अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) मुख्य रूप से पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और पुरुष रोल मॉडल्स को उजागर किए जाने के लिए मनाया जाता है

International Men's Day: आज है अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व
International Men's Day 2019: हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्‍ट्रीय पुरुष द‍िवस मनाया जाता है
नई दिल्‍ली:

International Men's Day 2019: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) की तरह हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) मनाया जाता है. हालांकि, जिस उत्साह और सपोर्ट के साथ महिला दिवस मनाया जाता है, उस तरह का एक्‍साइटमेंट व क्रेज पुरुष दिवस के लिए देखने को नहीं मिलता. यह दिन मुख्य रूप से पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है. आपको बता दें कि 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है. इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम है, "मेकिंग अ डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉयज."

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ऐसे हुई पुरुष दिवस की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, 19 नवंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है. इसकी शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की परियोजना की कल्पना एक साल पहले 8 फरवरी 1991 को की गई थी. इसके बाद 1999 में इस परियोजना को त्रिनिदाद और टोबैगो में फिर से शुरू किया गया.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
1923 में कई पुरुषों द्वारा 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की गई थी. इसके चलते पुरुषों ने आंदोलन भी किया था. उस वक्त पुरुषों ने 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग की थी. इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है. उन्होंने लिखा था कि सोवियत प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती. फिर 19 नवंबर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया. डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का बीड़ा उठाया था. उनके पिता के बर्थडे के दिन विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है. धीरे धीरे दुनियाभर में इसे 19 नवंबर को मनाया जाने लगा.

भारत ने साल 2007 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया. इसके बाद से ही भारत में हर साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मुख्य रूप से पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और पुरुष रोल मॉडल्स को उजागर किए जाने के लिए मनाया जाता है. InternationalMensDay की वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया में महिलाओं से 3 गुना ज्यादा पुरुष सुसाइड करते हैं. 3 में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार है. महिलाओं से 4 से 5 साल पहले पुरुष की मौत होती है. महिलाओं से दोगुना पुरुष दिल की बीमारी के शिकार होते हैं. पुरुष दिवस पुरुषों की पहचान के सकारात्मक पहलुओं पर काम करता है. पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

- पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना.
- समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना.
- पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर.
- पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना.
- लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना.
- एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना.

कैसे मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस?
मेन्‍स डे पूरी तरह से पुरुषों का दिन है. विदेशों में तो इस दिन पुरुषों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. उन्‍हें पार्टी दी जाती है, घूमने के लिए भेजा जाता है. हालांकि, भारत की बात करें तो यहां अब धीरे-धीरे इस दिवस को मनाने का जोर पकड़ने लगा है. साथ ही सोशल मीडिया पर भी अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की धूम दिखती है. आप भी अपने परिवार के मेल सदस्यों और अपने मेल दोस्तों को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुभकामनाएं और तोहफे देकर इस मौके को खास बना सकती हैं. आप भी उनको लंच या डिनर पर ले जाकर इस दिन को सेलिब्रेट कर सकती हैं. और इन सबसे ऊपर चाहे कोई भी दिन हो पुरुष और महिला दोनों को एक-दूसरे का सम्‍मान करना चाहिए.

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