नी मैं यार मनाना जी, करें कुछ ऐसा कि हर गिला भुला कर आपसे मिलने आएं वो...

<b>नी मैं यार मनाना जी</b>, करें कुछ ऐसा कि हर गिला भुला कर आपसे मिलने आएं वो...

अक्‍सर ही प्‍यार में तकरार हो जाती है, लेकिन जरूरत है कि उससे आपके बीच दूरियां न पैदा हों. ऐसा न हो इस‍के लिए आपको ध्‍यान रखनी होंगी कुछ खास बातें.

भावुकता से काम लें:
हर विवाद की जड़ होता है गुस्‍सा. हम गुस्‍से में कई बार ऐसी बातें कह जाते हैं, जो हमें नहीं बोलनी चाहिए. और रिश्‍तों की ड़ोर तो वैसे ही नाजुक होती है. ऐसे में अपने गुस्‍से को कंट्रोल में करें. विवाद से आप दोनों को कुछ नया सीखने को मिलेगा. इसलिए बेहतर बातचीत, रिश्‍ते और तकरार के कड़वे अनुभव से बचने के लिए कुछ उपायों को अपनाएं.

लें ई-मेल का सहारा:
जब कभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहुत ज्‍यादा बहस हो जाए, तो उस बात पर बातचीत के अलावा मेल भी करें और मेल में अपने मन की बात को खुल कर लिखें. उन्‍हें ताने बिलकुल न मारें, बल्कि प्‍यार से अपना पक्ष समझाने  की कोशिश करें. हो सकता है कि वे आपको बेहद कड़वा रिप्‍लाई करें, लेकिन सब्र रखें और तुरन्‍त रिप्‍लाई करने की बजाए जरा रुक कर शांत मन से ही रिप्‍लाई करें.

जड़ को करें खत्‍म:
क्या कभी ऐसा हुआ है कि लड़ते-लड़ते आप दोनों असल मुद्दे को ही भूल गए हों और बहस किसी और ही बात पर होने लगती है. इसका मलतब ये है कि आप दोनों को कुछ बातों पर चर्चा करना जरूरी है. ताकि आपके झगड़े में पुरानी बातें बीच में न आएं. जब भी लड़ाई खत्‍म हो, तो उसे जड़ से खत्‍म करें. ताकि वह मुद्दा फिर कभी आप दोनों के बीच में दोबार बहस की वजह न बनें.

माफी मांगे:
गलती हर कोई करता है, लेकिन बड़ी बात समय रहते उस गलती के लिए माफी मंगाना है. भले ही माफी मांगने पर आहत हुई भावनाओं में कोई सुधार नहीं होता, लेकिन गलती की माफी मांगने संबंध में जरूर सुधार होता है. इसलिए अगर आपसे वाकई कोई गलती हुई है, तो बिना ज्‍यादा सोचे अपने साथी से माफी मांग लें. यह भी हो सकता है कि आपका साथी उस माफी से खुश न हों और आपसे नाराज ही रहे. फिर भी सब्र रखें वह आपको माफ कर ही देगा...


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