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This Article is From Mar 06, 2020

Coronavirus: कोरोनावायरस के चलते होली का रंग पड़ा फीका, लोग नहीं खरीद रहे अबीर-गुलाल और पिचकारी

Holi 2020: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों में रंगोत्सव होली को लेकर पहले जैसा रोमांच नहीं है. होली से कुछ दिन पहले से ही जहां बालकनी से बच्चे राहगीरों पर गुब्बारे फेंकना शुरू कर देते थे, वहां इस बार वे ऐसी शरारत करने से भी परहेज बरत रहे हैं.

Coronavirus: कोरोनावायरस के चलते होली का रंग पड़ा फीका, लोग नहीं खरीद रहे अबीर-गुलाल और पिचकारी
Holi 2020: कोरोनावायरस की वजह से लोग होली मिलन समारोह से बच रहे हैं
नई दिल्ली:

Holi 2020: रंग के उमंग पर कोरोना (Corona) के कहर का साया मंडरा रहा है, क्योंकि इस बार रंगों के त्योहार होली (Holi) को लेकर बच्चे उत्साहित नहीं हैं. देश में कोरोनावायरस के मामले सामने आने पर बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इस बीमारी के खतरे को लेकर आशंकित हैं. होली नजदीक है, मगर बाजारों में रंग, गुलाल और पिचकारी खरीदने वालों की की संख्या बहुत कम है.

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उधर, सरकार ने लोगों को भीड़भाड़ से बचने की सलाह देते हुए इस जानलेवा वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए एहतियात बरतने की अपील की है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत कई नेताओं ने होली मिलन समारोह से दूर रहने की घोषणा की है.

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बच्चों में रंगोत्सव होली को लेकर पहले जैसा रोमांच नहीं है. होली से कुछ दिन पहले से ही जहां ऊंची-ऊंची इमारतों की छतों और बालकनी से बच्चे राहगीरों पर पानी भरे गुब्बारे फेंकना शुरू कर देते थे, वहां इस बार बच्चे ऐसी शरारत करने से भी परहेज बरत रहे हैं.

सेंट्रल दिल्ली के एक नामी स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली अंबेश्री कहती है कि वह इस बार होली नहीं खेलेगी, क्योंकि होली में ठंडे पानी में रंग घोलकर लोग एक-दूसरे पर डालते हैं और कोरोना वायरस का संक्रमण ठंड में ज्यादा फैलता है.

वहीं, 10वीं कक्षा के छात्र ईशान ने बताया कि एक तो उसकी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए होली खेलने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन ईशान दूसरे बच्चों को भी होली नहीं खेलने की सलाह देता है. उसका कहना है कि होली में चेहरे पर रंग और गुलाल लगाने की परंपरा है, जबकि कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए हाथ मिलाने के बजाय दूर से नमस्ते करने की सलाह दी जाती है, ऐसे में होली खेलने का मतलब डॉक्टरों की सलाह को नजरंदाज करना है, जो ठीक नहीं होगा.

दिल्ली-एनसीआर की कुछ सोसायटी के लोगों ने बताया कि कोरोनावायरस फैलने के खतरे के मद्देनजर उन्होंने इस साल होली के अवसर पर होलिका दहन, सामूहिक मिलन और होली रेन डांस जैसे आयोजन रद्द कर दिए हैं.

हालांकि, प्रख्यात हृदयरोग विषेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि होली में रंग खेलने से कोरोनावायरस फैलने का कोई खतरा नहीं है, लेकिन अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है, तो फिर खतरा है. साथ ही, अगर किसी को खांसी-जुकाम या बुखार आता है तो वह होली न खेले.

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि एहतियात बरतने की जरूरत है.

ग्रेटर नोएडा के मॉल में रंगों, गुलालों और पिचकारियों से दुकान सजी हैं, लेकिन ग्राहक नदारद हैं. एक दुकानदार ने बताया कि तीन दिन पहले तक लोग प्राकृतिक रंग व गुलाल और गुब्बारे खरीदने आते थे, लेकिन अब इक्का-दुक्का ही ग्राहक आते हैं.

दिल्ली के एक कारोबारी ने बताया कि इस साल होली पर चीन से आयातित रंग व पिचकारी की मांग बिल्कुल नहीं है.

गाजियाबाद में कोरोनावायरस संक्रमण का एक नया मामला सामने आने के बाद देश में अब तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या 30 हो चुकी है.

चीन में सबसे पहले कहर बरपाने के बाद अब कोरोनावायरस के प्रकोप की चपेट में दुनिया के कई देश आ चुके हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है, बल्कि इससे बचाव के उपाय किए जा सकते हैं.

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