फेमस राइटर कमला दास को गूगल ने किया याद, जानें क्यों विवाद में रही उनकी किताब 'माई स्टोरी'
नई दिल्ली:
Google ने आज Doodle के जरिए भारत की मशहूर लेखिका कमला दास को उनके महान लेखन के लिए याद किया है. आज ही के दिन यानी कि 1 फरवरी 1976 को उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ पब्लिश हुई थी. ये कोई मामूली आत्मकथा नहीं थी बल्कि एक ऐसी महिला की सच्ची कहानी थी जिसकी किताब ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में हलचल मचा दी थी. 15 साल की उम्र में शादी, 16 साल की उम्र में मां, रात भर घरवालों के सोने के बाद किताबे लिखने का शौक और 1999 में धर्मांतरण कर अपने नाम से 'दास' हटाकर 'सुरय्या' लगाने वाली और कोई नहीं बल्कि कमला दास थीं. उन्होंने अपनी कविताओं में सेक्शुएलिटी, पुरुष और महिला के संबंध से जुड़ी भावनाओं को बयां किया था. यहां पर हम आपको बता रहे हैं कि उनकी आत्मकथा 'माई स्टोरी' क्यों इतनी विवादित हुई और क्यों लोकप्रिय हुई.
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कमला दास ने अपनी आत्मकथा मलयालम भाषा में 'एंते कथा' नाम से लिखी है. जिसका अंग्रेजी में 'माई स्टोरी' नाम से अनुवाद किया गया है. इस किताब में कुल 50 चैप्टर हैं, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के हर पन्ने को बयां किया है. उन्होंने बताया है किस तरह कलकत्ता के मिशनरी स्कूल में उन्हें नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा. इस किताब में पति के साथ निष्ठुर रिश्ते की कहानी, उनके साहित्यिक करियर, एक्सट्रामैरिटल अफेयर, बच्चों के जन्म, लेखन और सेक्शुएलिटी के बारे में पूरी आपबीती है.
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ये है उनकी किताब 'माई स्टोरी' में लिखी एक कविता:
"आसान है एक मर्द की तलाश जो तुम्हें प्यार करे,
बस, तुम ईमानदार रहो कि एक औरत के रूप में तुम चाहती क्या हो.
उसे सब सौंप दो,
वह सब जो तुम्हें औरत बनाती है.
बड़े बालों की ख़ुशबू,
स्तनों के बीच की कस्तूरी,
और तुम्हारी वो सब स्त्री भूख."
रातभर रसोई में लिखती थी कविताएं
इसी कविता से आपको एहसास हो जाएगा कि वो किस खूबसूरती से शादी के बाद संबंधों, प्यार पाने की कोशिश, प्यार के हर एक अहसास और अनुभवों को अपने शब्दों में उतारती थीं. वह अपने समय की एकलौती लेखिका रही हैं जो बेबाक होकर लिखा करती थीं. लिखने का जूनून ऐसा था कि रातभर वो रसोई में बैठकर लिखा करती थीं. शादी से पहले वो 6 साल की उम्र से ही वो भावनाओं को शब्दों में उतारने में माहिर थीं.
जब अपने बेटे को खुद पिलाई सिगरेट
बीबीसी में छपी एक खबर के मुताबिक उनका बेबाकपन इस बात से ही जाहिर होता है कि उन्होंने अपने 13 साल बेटे जयसूर्या दास को सिगरेट पिलाई. आज भी मां-बाप की इज्जत करने वाले बच्चे उनसे छिपकर सिगरेट पीते हैं लेकिन कमला दास ने खुद अपने बेटे की ये इच्छा पूरी की. उनके 13 साल के बेटे ने सिगरेट पीने की बात कही. उन्होंने मना नहीं किया बल्कि उसे पूरा पैकेट ला कर दिया और अपने सामने ही उसे 4 से 5 सिगरेट पिलाई. जयसूर्या ने बताया कि अगर उनकी मां कहती कि सिगरेट पीना बुरी बात है तो मुझमें उसे चोरी छिपे पीने की इच्छा जागती और हो सकता था कि मुझे उसकी लत लग जाती. लेकिन मैंने फिर कभी पूरी ज़िंदगी सिगरेट को कभी हाथ नहीं लगाया. इस घटना के बाद कमला दास ने 'अपने बेटे से साफ शब्दों में कहा कि सिगरेट पीने का तुम भी अनुभव करो और अगर ठीक लगता है तो तुम इसे पीना जारी रखो.'
बन रही है फिल्म
कमला दास आपको बता दें कमला दास की जिंदगी पर जल्द ही मलयालम भाषा में 'आमी' नाम की फिल्म रिलीज होने वाली है. यह फिल्म पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन को ऑफर हुई थी, लेकिन डायरेक्टर के साथ मतभेद के चलते अब यह फिल्म एक्ट्रेस मंजु वॉरियर निभाएंगी.
देखें वीडियो - अभिनेत्री विद्या बालन से खास मुलाकात
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कमला दास ने अपनी आत्मकथा मलयालम भाषा में 'एंते कथा' नाम से लिखी है. जिसका अंग्रेजी में 'माई स्टोरी' नाम से अनुवाद किया गया है. इस किताब में कुल 50 चैप्टर हैं, जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी के हर पन्ने को बयां किया है. उन्होंने बताया है किस तरह कलकत्ता के मिशनरी स्कूल में उन्हें नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा. इस किताब में पति के साथ निष्ठुर रिश्ते की कहानी, उनके साहित्यिक करियर, एक्सट्रामैरिटल अफेयर, बच्चों के जन्म, लेखन और सेक्शुएलिटी के बारे में पूरी आपबीती है.
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ये है उनकी किताब 'माई स्टोरी' में लिखी एक कविता:
"आसान है एक मर्द की तलाश जो तुम्हें प्यार करे,
बस, तुम ईमानदार रहो कि एक औरत के रूप में तुम चाहती क्या हो.
उसे सब सौंप दो,
वह सब जो तुम्हें औरत बनाती है.
बड़े बालों की ख़ुशबू,
स्तनों के बीच की कस्तूरी,
और तुम्हारी वो सब स्त्री भूख."
रातभर रसोई में लिखती थी कविताएं
इसी कविता से आपको एहसास हो जाएगा कि वो किस खूबसूरती से शादी के बाद संबंधों, प्यार पाने की कोशिश, प्यार के हर एक अहसास और अनुभवों को अपने शब्दों में उतारती थीं. वह अपने समय की एकलौती लेखिका रही हैं जो बेबाक होकर लिखा करती थीं. लिखने का जूनून ऐसा था कि रातभर वो रसोई में बैठकर लिखा करती थीं. शादी से पहले वो 6 साल की उम्र से ही वो भावनाओं को शब्दों में उतारने में माहिर थीं.
जब अपने बेटे को खुद पिलाई सिगरेट
बीबीसी में छपी एक खबर के मुताबिक उनका बेबाकपन इस बात से ही जाहिर होता है कि उन्होंने अपने 13 साल बेटे जयसूर्या दास को सिगरेट पिलाई. आज भी मां-बाप की इज्जत करने वाले बच्चे उनसे छिपकर सिगरेट पीते हैं लेकिन कमला दास ने खुद अपने बेटे की ये इच्छा पूरी की. उनके 13 साल के बेटे ने सिगरेट पीने की बात कही. उन्होंने मना नहीं किया बल्कि उसे पूरा पैकेट ला कर दिया और अपने सामने ही उसे 4 से 5 सिगरेट पिलाई. जयसूर्या ने बताया कि अगर उनकी मां कहती कि सिगरेट पीना बुरी बात है तो मुझमें उसे चोरी छिपे पीने की इच्छा जागती और हो सकता था कि मुझे उसकी लत लग जाती. लेकिन मैंने फिर कभी पूरी ज़िंदगी सिगरेट को कभी हाथ नहीं लगाया. इस घटना के बाद कमला दास ने 'अपने बेटे से साफ शब्दों में कहा कि सिगरेट पीने का तुम भी अनुभव करो और अगर ठीक लगता है तो तुम इसे पीना जारी रखो.'
बन रही है फिल्म
कमला दास आपको बता दें कमला दास की जिंदगी पर जल्द ही मलयालम भाषा में 'आमी' नाम की फिल्म रिलीज होने वाली है. यह फिल्म पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन को ऑफर हुई थी, लेकिन डायरेक्टर के साथ मतभेद के चलते अब यह फिल्म एक्ट्रेस मंजु वॉरियर निभाएंगी.
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