कल्पना करें अगर आपके सभी सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram), व्हाट्सएप (WhatsApp), स्नैपचैट (Snapchat) और ट्विटर (Twitter) एक निश्चित अंतराल के लिए काम करना बंद कर दें, तो क्या आप चिंतित, घबराए हुए या फिर शांत रहेंगे? इस साल भारत में कई मौकों पर ऐसा देखने को मिला, जब सोशल मीडिया ऐप्प कई घंटे तक बंद रही या ठीक से काम नहीं कर रही थी. इसे तकनीक की भाषा में ऐप्प का 'डाउन हो जाना' कहते हैं.
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यूजर्स को ऐसी परिस्थिति में ट्विटर का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि यही एकमात्र ऐसा सोशल मीडिया ऐप्प रहा, जो डाउन नहीं हुआ और ज्यादातर काम करता रहा.
मुंबई के 21 साल की कॉलेज छात्र दीपांशु जैन ने कहा, "आउटेज (डाउन) हमें यह एहसास कराते हैं कि हम वास्तव में इंटरनेट और ऐप्प पर कितना निर्भर हैं. लोगों के पास ऐसे ऐप्स भी हैं जो उन्हें याद दिलाते हैं कि यह पानी पीने का समय है. अगर ये ऐप्प काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति की बेचैनी की कल्पना की जा सकती है. सोशल मीडिया आउटेज मुझे असहज और बेचैन करता है."
238 करोड़ से अधिक लोगों के वैश्विक यूजर-आधार का प्रबंधन करते हुए फेसबुक और उसके एप्स परिवार, जिनमें फोटो-मैसेजिंग एप इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप शामिल हैं, ने पिछले चार महीनों में सामूहिक रूप से पांच प्रमुख आउटेज का सामना किया है.
फेसबुक के सभी ऐप्स में से इंस्टाग्राम सबसे ज्यादा डाउनटाइम का अनुभव करता है.
14 मार्च को फेसबुक ऐप्स को अपने सबसे लंबे समय तक 12 घंटों के लिए आउटेज का सामना करना पड़ा था.
जबकि लोगों ने साइबर हमलों की संभावनाओं का अनुमान लगाया, सोशल नेटवर्किंग की दिग्गज कंपनी ने अटकलों का खंडन किया और इसके ब्लैकआउट के लिए 'सर्वर पुन: संयोजन' को दोषी ठहराया.
फेसबुक के बाद, पिछले चार महीनों में, जीमेल, मैप्स और कैलेंडर जैसी गूगल सेवाएं तीन बार डाउन हुईं, जिससे दुनियाभर में यूजर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इनपुट: आईएएनएस
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