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This Article is From Nov 09, 2017

जानिए नवम्बर से लेकर जनवरी तक मॉर्निंग में क्‍यों न करें एक्‍सरसाइज

जेपी अस्पताल में पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सीनियर कन्सलटेन्ट डॉक्‍टर ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा है कि बेहतर होगा इस समय जहां तक हो सके घर के अंदर रहें.

जानिए नवम्बर से लेकर जनवरी तक मॉर्निंग में क्‍यों न करें एक्‍सरसाइज
इन दिनों दिल्‍ली में एयर पॉल्‍यूशन के चलते सभी लोग बेहद परेशान हैं. किसी को आंखों में जलन तो किसी को गले में एंफेक्‍शन की समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जेपी अस्पताल में पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सीनियर कन्सलटेन्ट डॉक्‍टर ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा है कि बेहतर होगा इस समय जहां तक हो सके घर के अंदर रहें.

नवम्बर से लेकर जनवरी तक घर के बाहर करने वाली गतिविधियां जैसे दौड़, जॉगिंग, साइक्लिंग, जिम और सुबह के समय किए जाने वाले व्यायाम न करें. इस स्मॉग (धुंध) के चलते विजिबिलिटी भी बेहद कम हो गई है जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ी है. इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा है, खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग, हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें. दिल के मरीज और न्यूरोलोजिक बीमारियों के मरीज भी अपना ख्याल रखें क्योंकि यह स्मॉग सीधे कार्डियो-वैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है.
 डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा, हवा में धूल के कारण लोगों में ब्रोंकाइटिस, छाती में कन्जेशन और गले में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रहीं हैं. अगर आपको छाती में भारीपन लगे तो भाप लें, इससे आराम मिलेगा. अग्रवाल ने कहा कि इस समय अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें, क्योंकि ये आपकी प्रतिरक्षी क्षमता बढ़ाते हैं. इसके अलावा प्रसंस्कृत चीनी के बजाए गुड़ का सेवन बेहतर होगा, जो फेफड़ों से प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है.
 उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई परेशानी हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें. अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनें जो पीएम 2.5 को फिल्टर कर सकता हो, ताकि स्मॉग का सीधा असर आपके फेफड़ों पर न पड़े.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट


 
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