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This Article is From Jul 20, 2017

हेल्थ टिप्स: सप्लीमेंट से नहीं खाने से करें कैल्शियम की जरूरत को पूरा...

कई लोग डॉक्टर से सलाह के बिना कभी भी कैल्शियम की खुराक लेने लगते हैं. अगर बताई गई मात्रा में ली जाए तो यह अतिरिक्त कैल्शियम हृदय की सेहत के लिए ठीक है. हालांकि, आहार से मिलने वाले कैल्शियम पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए.

हेल्थ टिप्स: सप्लीमेंट से नहीं खाने से करें कैल्शियम की जरूरत को पूरा...
भारत के ग्रामीण व शहरी दोनों ही क्षेत्रों की महिलाओं में कैल्शियम की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है. यह खानपान की बदलती आदतों के कारण हो रहा है. विशेष रूप से शहरी महिलाओं में पिछले कुछ दशकों में भोजन संबंधी आदतों में बड़ा बदलाव आया है. एक ताजा अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए के मुताबिक, लोग प्रसंस्कृत और पैक किए हुए खाद्य पदार्थो पर तेजी से निर्भर होते जा रहे हैं, जिस कारण शरीर को संपूर्ण आहार नहीं मिल पा रहा है. सलाह दी गई है कि कैल्शियम की मात्रा आहार से लेनी चाहिए न कि सप्लीमेंट से. 

आंकड़ों के मुताबिक, 14 से 17 साल आयु वर्ग की लगभग 20 प्रतिशत किशोरियों में कैल्शियम की कमी पाई गई है. हमारी हड्डियों का 70 प्रतिशत हिस्सा कैल्शियम फॉस्फेट से बना होता है. यही कारण है कि कैल्शियम हमारी हड्डियों की अच्छी सेहत के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है. महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है क्योंकि वे उम्र के साथ हड्डियों की समस्याओं से अधिक जूझती हैं. 

आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहा, "कैल्शियम के अच्छे से अवशोषण के लिए हमारे शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है. विटामिन डी की कमी वाले लोगों में, कैल्शियम की कमी की संभावना अधिक होती है, भले ही वे कैल्शियम का भरपूर सेवन कर रहे हों. इसका कारण यह है कि शरीर आपके भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में असमर्थ है." 

उन्होंने कहा कि विटामिन-डी रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है. विटामिन-डी का पर्याप्त सेवन कैल्शियम अवशोषण को बेहतर बनाने के साथ-साथ, हड्डियों की क्षति कम करता है. फ्रैक्चर का खतरा कम करता है और ऑस्टियोपोरोसिस रोग होने से रोकता है. कैल्शियम की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे रक्त के थक्के बनना, रक्तचाप और हृदय की धड़कन बढ़ना, बच्चों में धीमा विकास, और कमजोरी व थकान. 

वृद्ध महिलाओं की तुलना में युवतियों को कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है. कैल्शियम की बात करें तो, 9 से 18 साल आयु वर्ग की लड़कियों को 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, जबकि 19 से 50 साल की महिलाओं को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. पचास वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को 1200 मिलीग्राम की जरूरत होती है. 

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "कई लोग डॉक्टर से सलाह के बिना कभी भी कैल्शियम की खुराक लेने लगते हैं. अगर बताई गई मात्रा में ली जाए तो यह अतिरिक्त कैल्शियम हृदय की सेहत के लिए ठीक है. हालांकि, आहार से मिलने वाले कैल्शियम पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए." 

कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के टिप्स : 

* हर दिन कैल्शियम से समृद्ध आहार लेना चाहिए.
* अपने शरीर का भार बढ़ाए बिना कैल्शियम की मात्रा सही रखने के लिए वसा-रहित दूध पीना चाहिए. 
* अन्य डेयरी उत्पादों में भी कैल्शियम होता है, जैसे कि दही और पनीर, लेकिन कम वसा वाली चीजों का ही चयन करें.
* पत्तेदार साग-सब्जियों का अधिक सेवन करें.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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