
Panchakarma and is Benefits for Health: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर की वाइफ मीरा राजपूत (Mira Rajput Follow panchakarma or Detaxation) अपनी खूबसूरती और फिटनेस के लिए बी टाउन में काफी मशहूर हैं. दो बच्चे होने के बावजूद मीरा काफी फिट और स्लिम हैं. सा-साथ वो काफी हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए भी जानी जाती हैं. हाल ही में मीरा राजपूत ने खुद को डिटॉक्स करके फिट और हेल्दी रहने का राज साझा किया है. मीरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद को डिटॉक्स करने और गट क्लींजिंग करने के लिए हर साल कुछ खास दिनों में पंचकर्म करने की बात कही है. आपको बता दें पंचकर्म थेरेपी को आयुर्वेद में शरीर की शुद्धि और सेहत के लिए बहुत ही अच्छा कहा गया है. मीरा राजपूत ने इस वीडियो में बताया कि पिछले नौ सालों से वो हर साल मॉनसून के महीने में तीन दिन के लिए शरीर की शुद्धि के लिए पंचकर्म को फॉलो करती हैं, इससे उनका शरीर शुद्ध होता है और साथ ही सेहत को बहुत सारे फायदे होते हैं. चलिए जानते हैं कि पंचकर्म क्या (What is Panchakarma) है और इसके क्या फायदे (Panchakarma benefits for health) हैं.
क्या है पंचकर्म (What is Panchakarma)
पंचकर्म आयुर्वेदिक थेरेपी है, जिसमें पांच क्रियाओं के जरिए शरीर के लगभग हर जरूरी अंग को शुद्ध किया जाता है . पंचकर्म की मदद से दिल, दिमाग, गुर्दे, आंत, पेट और अन्य कई अंगों की अंदरूनी सफाई यानी डिटॉक्सेशन किया जाता है. पंचकर्म में की जाने वाली क्रिया शरीर में वात, पित्त और कफ के बैलेंस को भी सही करती हैं. इन तीन त्रिदोषों का बैलेंस सही होने पर शरीर कई तरह की बीमारियों से निजात पा सकता है. इससे शरीर पूरी तरह डिटॉक्स हो जाता है यानी शरीर के सभी अंगों से टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं. पंचकर्म शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे शरीर बाहरी बीमारियों का मुकाबला करने के लिए मजबूत बनता है. पंचकर्म के जरिए पाचन तंत्र को ताकत मिलती है और डाइजेशन बूस्ट होता है. पंचकर्म की मदद से शरीर को मजबूती और स्ट्रेंथ मिलती है.ये केवल शारीरिक सेहत ही नहीं मेंटल हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. पंचकर्म करने से दिमाग को शांति और मजबूती मिलती है. इससे स्ट्रेस कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है.
खाना खाने के बाद वॉक करनी चाहिए या नहीं, कंफ्यूजन है तो एक्सपर्ट वेदांत से जानें सच क्या है
पंचकर्म की क्रिया (Panchakarma Therapy Types)
पंचकर्म में मुख्य रूप से पांच क्रियाएं होती हैं. इनमें वमन, विरेचन, बस्ती, नास्य और रक्तमोक्षण शामिल हैं.
वमन
वमन को पंचकर्म का पहला चरण कहा जाता है. इसके जरिए शरीर से एक्स्ट्रा कफ को बाहर निकाला जाता है. वमन की मदद से आंतों और सांस की नली से टॉक्सिन बाहर निकाले जाते हैं.इस क्रिया की मदद से खांसी बुखार जैसी परेशानी दूर होती है. इसके अलावा अपच, थायराइड में भी आराम मिलता है. वमन की मदद से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है.

विरेचन
विरेचन क्रिया शरीर में पित्त का बैलेंस बनाने में मदद करती है. इसकी मदद से डायबिटीज जैसी बीमारी में फायदा मिलता है.इसके साथ साथ ये स्किन संबंधी परेशानियों में भी राहत देती है. विरेचन की मदद से डाइजेशन स्मूथ होता है और लिवर और किडनी डिटॉक्स होकर सही कामकाज करने लगते हैं.
बस्ती
पंचकर्म की बस्ती क्रिया वात को बैलेंस करने के साथ साथ नर्वस सिस्टम को मजबूत और बैलेंस करने का काम करती है. इससे रेक्टल एरिया की बीमारियां दूर होती हैं और डाइजेशन बूस्ट होता है.पेट फूलना, पीरियड्स पेन, अर्थराइटिस, स्लिप डिस्क के साथ साथ इसकी मदद से स्पोंडिलाइटिस में भी राहत मिलती है. बस्ती क्रिया की मदद से दिमागी रोग जैसे पार्किंसन, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में आराम मिलता है.
नास्य
पंचकर्म की इस क्रिया के जरिए नाक के जरिए शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है. ये क्रिया सिर, गर्दन और सांस संबंधी दिक्कतों को दूर करने में काफी हेल्पफुल होती है. माइग्रेन, सिर में दर्द, अनिद्रा, तनाव, फ्रोजन शोल्डर और एलर्जी जैसी दिक्कतों में नस्य काफी इफेक्टिव साबित होती है.
रक्तमोक्षण
इस क्रिया के जरिए खून में फैले टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है. ये ब्लड सर्कुलेशन को स्मूथ करती है और शरीर में सूजन को घटाती है. इसकी मदद से नकसीर और गठिया में भी काफी आराम मिलता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं