वेतन बढ़े तो नौकरी बदलने को तैयार हैं 25 से 34 साल के युवा
नई दिल्ली:
आपने नोटिस किया होगा कि ऑफिस में कुछ कलीग्स को जल्दी नौकरी बदलने की आदत होती है. ऐसे लोग अपने छोटे से करियर में बहुत सारी कंपनियों में काम कर चुके होते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक भारत में अस्सी और नब्बे के दशक में पैदा हुए लोग सैलरी बढ़ने पर नौकरी बदलने को तैयार है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 से 34 साल का युवा (मिलेनियल) वेतन बढ़ने पर नौकरी बदलने पर विचार को तैयार रहता है.
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वैश्विक रोजगार साइट इंडीड के सर्वे के अनुसार 80 प्रतिशत मिलेनियल श्रमबल वेतन बढ़ोतरी के लिए नौकरी बदलने को तैयार है. हालांकि, इनमें से काफी लोगों का कहना था कि वेतनवृद्धि के बजाय वे वैकल्पिक लाभ को तरजीह देंगे. 60 प्रतिशत ने काम करने के लचीले घंटों को वेतनवृद्धि पर प्राथमिकता देने की बात कही, जबकि 47 प्रतिशत का कहना था कि वे वार्षिक छुट्टियों में बढ़ोतरी को प्राथमिकता देंगे.
करीब 40 प्रतिशत मिलेनियल आबादी का कहना था कि वे पैतृक अवकाश को अधिक महत्व देते हैं जबकि 63 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वेतनवृद्धि के बजाय वे स्वास्थ्य लाभ में बढ़ोतरी को प्राथमिकता देंगे.
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करीब 43 प्रतिशत का दावा था कि उनका मौजूदा वेतन संतोषजनक है.
इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने कहा, ‘‘जहां वेतन में बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए प्रमुख प्राथमिकता है , वहीं संगठनों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा किया जा सके.’’
यह सर्वे आईटी, दूरसंचार, शिक्षा तथा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले 2005 कर्मचारियों के बीच किया गया.
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करीब 40 प्रतिशत मिलेनियल आबादी का कहना था कि वे पैतृक अवकाश को अधिक महत्व देते हैं जबकि 63 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वेतनवृद्धि के बजाय वे स्वास्थ्य लाभ में बढ़ोतरी को प्राथमिकता देंगे.
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करीब 43 प्रतिशत का दावा था कि उनका मौजूदा वेतन संतोषजनक है.
इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने कहा, ‘‘जहां वेतन में बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए प्रमुख प्राथमिकता है , वहीं संगठनों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों की उम्मीदों को पूरा किया जा सके.’’
यह सर्वे आईटी, दूरसंचार, शिक्षा तथा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले 2005 कर्मचारियों के बीच किया गया.
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