
Travel: सफर छोटा हो या लंबा ट्रेन में बैठने के बाद राहत महसूस होती है. ट्रेन से सफर करने की फीलिंग एक अलग लेवल की होती है, यह एक ऐसा एहसास होता है जो दिल को छू जाता है. जब ट्रेन स्टेशन से चलना शुरू करती है तो ऐसा लगता है जैसे पलक झपकाते ही ये हमें मंजिल तक झटपट पहुंचा देगी. लेकिन, मंजिल तक पहुंचाने से पहले यह हमें दीदार करवाती है कई सुंदर दृश्यों का, जैसे पहाड़, जंगल और नदीं. साथ ही, ये रास्ते ऐसे हैं जहां महसूस होता है जैसे आप बादलों के बीच हों. जब ट्रेन रफ्तार पकड़ती है तब ताजी-ताजी हवाएं, साथ में हल्की-हल्की बारिश की बूंदे एक अलग अनुभव, एक अनोखी फीलिंग देती है. ये दृश्य आपकी सफर में चार-चांद लगाने का काम करेंगे. हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 5 बेहतरीन ट्रेन रूट्स जिनपर आपको एक से बढ़कर एक नजारे देखने को मिलेंगे.
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भारत के 5 बेहतरीन ट्रेन रूट्स | 5 Best Train Routes In India
कालका से शिमला टॉय ट्रेनसबसे खूबसूरत रेल यात्राओं में से एक है कालका से शिमला जिसकी दूरी लगभग 85.4 किलोमीटर है. यह यात्रा सुंदर घाटियों और देवदार के पेड़ों के बीच 102 सुरंग और बर्फीली चोटीयों से होकर गुजरती है. ट्रेन धरमपुर, बड़ोग, सोलन, कंढाघाट स्टेशन से होकर शिमला पहुंचती है. इसका किराया 70 रूपय से 500 रूपए तक आता है. बाकी आप ट्रेन और क्लास के अनुसार बुकिंग IRCTC वेबसाइट या स्टेशन पर कर सकते हैं. सफर के दौरान आप ठंडी हवा, पहाड़ों से गिरते झरने, नीचे गहरी घाटियां सब कुछ देख सकते हैं और इनकी फोटो या वीडियो भी ले सकते हैं. यहां जाने के लिए सबसे परफेक्ट महीना है मार्च से जून. इस समय यहां सुहाना मौसम रहता है. दिसंबर से जनवरी के बीच आप बर्फबारी का अनुभव ले सकते हैं.
मंडपम से रामेश्वरममंडपम से रामेश्वरम द्वीप तक दूरी लगभग 21.6 किलोमीटर है. इस ट्रेन की खासियत यह है कि ये ट्रेन भारत के पहले समुद्री पुल पंबन ब्रिज पर चलती है. यह पुल 1914 में बना था और भारत का पहला समुद्र पर बना रेल ब्रिज है. यह ब्रिज हिंद महासागर के ऊपर है. ट्रेन महासागर के ऊपर से गुजरती है. सफर के दौरान लहरें उठती हैं, तब ट्रेन के साथ-साथ पानी भी चलता है. ऐसा लगता है जैसे ट्रेन उड़ रही हो. जब ट्रेन मंडपम से रामेश्वरम के लिए निकलती है कुछ पलों के बाद नीला समंदर दिखाई देने लगता है. हवा में नमक की खुशबू, पानी की ठंडी-ठंडी बूंदों को आप महसूस कर सकते हैं. सूर्योदय या सूर्यास्त के समय यह दृश्य और भी मनमोहक हो जाता है.
जैसलमेर से जोधपुरजैसलमेर से जोधपुर की दूरी लगभग 266 किलोमीटर है. सफर के लिए मुख्य ट्रेनों की बात करें तो जैसलमेर–जोधपुर एक्सप्रेस और डीलक्स एक्सप्रेस है. ट्रेवलिंग के दौरान आप खिड़की से सूर्योदय या सूर्यास्त के समय रेत को रंग बदलते देख सकते हैं, दूर-दूर तक रेत, कांटेदार झाड़ियां, ऊंट और छोटे-छोटे राजस्थानी गांव भी दिखते हैं. जैसलमेर से जोधपुर के सफर में आप छोटे-छोटे रेलवे हॉल्ट और स्टेशन देखेंगे जो सब राजस्थानी रंग में रंगे होते हैं. यहां आपको लोकल जीवन और संस्कृति की झलक दोखने को मिलेगी,. कई बार आप गांवों में बच्चों को ट्रेन की तरफ हाथ हिलाते भी देख पाएंगे.
सिलीगुड़ी से दार्जिलिंगसिलीगुड़ी से दार्जिलिंग की दूरी लगभग 62.7 किलोमीटर है. ये सफर 4 से 5 घंटे का होता है. ट्रेन सड़क के किनारे-किनारे, चाय के बागानों, झरनों और गांवों से होकर गुजरती है. कई जगहों पर ट्रेन आम लोगों के घरों के एकदम पास से निकलती है, जैसे आप उनके आंगन में से होकर जा रहे हों. ट्रेन सिलीगुड़ी जंक्शन से सफर की शुरुआत करती है, तिनधारिया घूम स्टेशन, बाटासिया लूप होते हुए दार्जिलिंग स्टेशन पर अपनी मंजिल तक पहुंचती है. यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च से मई और अक्टूबर से दिसंबर है. यह जगह फोटोग्राफी, हनीमून और बच्चों के साथ फन ट्रिप के लिए फेमस है.
मुंबई से गोवामुंबई से गोवा (Mumbai To Goa) की दूरी लगभग 589 किलोमीटर है. ट्रेन से सफर के दौरान 10 से 12 घंटे लग जाते हैं. मुंबई से गोवा जाने के लिए मुख्य ट्रेन तेजस एक्सप्रेस, कोंकण कन्या, जन-शताब्दी एक्सप्रेस रोजाना बेसिस पर चलती है. यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च और जून से अगस्त महीने को सबसे बेस्ट समय माना गया है. सुबह-सुबह सूरज की किरणें जैसे ही खेतों और झीलों पर पड़ती हैं और ट्रेन सुरंग से निकल कर समुद्र की झलक देती है तो ऐसा लगता है जैसे दुनिया में इससे ज्यादा खूबसूरत कुछ और है ही नहीं.
प्रस्तुति - रोहित कुमार
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