MPPSC के पेपर में भील जनजाति को अपराधी और शराबी बताने पर मचा बवाल

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के पेपर में भील जनजाति (Bhil Tribe) को लेकर पूछे गए प्रश्नों पर बवाल मचा हुआ है.

MPPSC के पेपर में भील जनजाति को अपराधी और शराबी बताने पर मचा बवाल

MPPSC के पेपर में भील जनजाति को गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में लिप्त जनजाति बताया गया है.

खास बातें

  • भील जनजाति को शराब में डूबी हुई बताया गया है.
  • भील जनजाति के लोगों की अपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया.
  • एमपीपीएससी से इसको लेकर शिकायत करने की मांग उठी है.
नई दिल्ली:

एक तरफ देशभर के विश्वविद्यालयों में CAA और NRC को लेकर बवाल मचा हुआ है वहीं अब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के पेपर में भील जनजाति (Bhil Tribe) को लेकर पूछे गए प्रश्नों पर बवाल सामने आया है. एमपीपीएससी के पेपर में सीसैट के अंदर एक अनसीन पैसेज में भील जनजाति को शराब में डूबी हुई और धन कमाने के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में लिप्त जनजाति बताया गया है. इस पैसेज में लिखा गया है कि भील जनजाति के लोगों की अपराधिक प्रवृत्ति का मुख्य कारण दिलदारियां पूरी करना नहीं है जिसके लिए वह गैर वैधानिक और अनैतिक कामों से पैसे कमाते हैं. पेपर में पूछे गए सवाल नंबर 99 में पूछा गया है कि भीलो की अपराधिक प्रवृत्ति का मुख्य कारण क्या है जिसमें 4 ऑप्शन दिए गए हैं.

पहला ऑप्शन देनदारी में पूरी न कर पाना, दूसरा ऑप्शन ईमानदारी से काम करना, तीसरा ऑप्शन अनैतिक कार्य करना और चौथा ऑप्शन गांव से पलायन करना है. इसी तरह सवाल नंबर 100 में पूछा गया है कि धन उपार्जन के लिए भील कैसे कामों में संलिप्त हो जाते हैं इस प्रश्न में विचार ऑप्शन है जिसमें ए सामाजिक काम, बी धार्मिक काम, सी गैर वैधानिक और अनैतिक काम, डी कठिन से कठिन काम इसमें जो ऑप्शन दिए गए हैं जिसमें गैर वैधानिक और अनैतिक काम करना इसे लेकर भील समाज नाराज हो गया है.

दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, ''भील समाज पर प्रदेश शासन के प्रकाशन पर अशोभनीय टिप्पणी से आहत हूँ।अधिकारी को तो सजा मिलना ही चाहिए, परन्तु मुख्य मंत्री को भी सदन में खेद व्यक्त करना चाहिए,आखिर वह प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं।इससे अच्छा संदेश जाएगा.''

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वहीं, भील समाज से आने वाले पंधाना विधायक राम दान गोरे में एमपीपीएससी से इसको लेकर शिकायत करने की बात कही है तो वहीं काला कपड़ा लहरा कर कमलनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. पंधाना विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विधायक राम दान गोरे ने भी एमपीपीएससी का परिचय दिया है जब उन्होंने इन प्रश्नों को देखा तो वह भी भौचक्का रह गए परीक्षा खत्म होने के बाद उन्होंने भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस किसी ने भी या पर्चा बनाया है उसे तत्काल बर्खास्त किया जाए और उसके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए इतना ही नहीं भील समाज के लोगों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.