पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार शाम को अनुशासनात्मक आधार पर यादवपुर विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव को पद से हटा दिया. राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. बयान में कहा गया है, “अगले आदेश तक जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय की शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोफेसर बुद्धदेव साव को 17 अगस्त, 2023 के आदेश संख्या CU/WB/22/23 के अनुसार दिया गया अधिकार वापस ले लिया गया है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा."
यह निर्णय विश्वविद्यालय के रविवार को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर लिया गया.
हर साल 24 दिसंबर को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में इस बार अनिश्चितता का माहौल था, क्योंकि राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की कोर्ट मीटिंग आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, जो कार्यक्रम की मेजबानी के लिए महत्वपूर्ण है.
गवर्नर बोस ने कहा कि छात्रों ने शिकायत की थी कि उन्हें "अवैध" दीक्षांत समारोह के लिए अपने माता-पिता की मेहनत की कमाई खर्च करनी पड़ रही है.
इस साल की शुरुआत में, कोलकाता का जादवपुर विश्वविद्यालय तब सुर्खियों में आया था, जब प्रथम वर्ष के छात्र स्वर्णोदीप कुंडू की विश्वविद्यालय के छात्रावास की बालकनी से कथित तौर पर गिरने के बाद मौत हो गई थी. कुंडू बंगाली विभाग के प्रथम वर्ष का छात्र था और राज्य के नादिया जिले का रहने वाला था.
उनके परिवार ने आरोप लगाया कि वह रैगिंग का शिकार था. इस घटना की पूरे राज्य में निंदा हुई और आक्रोश देखा गया.
इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस को भी इस मामले में घसीटा गया क्योंकि शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में छात्र की मौत के लिए उन्हें दोषी ठहराया.