पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया है कि पद से हटाए जाने के बावजूद उनकी प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती कार्यालय आ रही हैं, ऐसे में राज्य सरकार को संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना चाहिए. राजभवन के उच्च पदस्थ सूत्र ने गुरुवार को यह जानकारी दी. बोस ने पत्र में दावा किया कि चक्रवर्ती ने झूठी खबर फैलाई थी कि राज्यपाल सीबीआई और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों को अपना सलाहकार नियुक्त करके राजभवन को राज्य के सचिवालाय (नाबन्ना) के “समानांतर” बनाने का प्रयास कर रहे हैं. पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार को उनकी “गंभीर गलतियों '' की जांच करानी चाहिए.”
राज्यपाल ने 12 फरवरी को नंदिनी चक्रवर्ती को अपनी प्रधान सचिव के पद से हटा दिया था. हालांकि वह इसके बाद भी कथित रूप से कार्यालय आती रहीं. पश्चिम बंगाल कैडर की वर्ष 1994 बैच की IAS अधिकारी चक्रवर्ती का 15 फरवरी को राज्य के पर्यटन विभाग में तबादला कर दिया गया.
अधिकारी ने बताया, “राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को एक तर्कपूर्ण पत्र भेजा है जिसमें सरकार को संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करने के लिए कहा गया है. उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि नंदिनी चक्रवर्ती झूठी खबर फैला रही थीं कि राज्यपाल सीबीआई और अन्य क्षेत्रों के अधिकारियों को अपना सलाहकार नियुक्त करने और राजभवन को एक समानांतर राज्य सचिवालय में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. यह असत्य है.” राजभवन में चक्रवर्ती की जगह कौन लेगा, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है.
ये भी पढ़ें-