दिल्ली के प्रदूषण पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, कहा- हम चुप नहीं बैठ सकते, केंद्र से मांगा पूरा प्लान

इस सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने हा कि हम बेकार नहीं बैठ सकते! कोविड-19 के दौरान लोग नीला आकाश और तारे क्यों देख पाए? सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक स्रोत है.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त टिप्पणी की।
  • चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोविड-19 के दौरान नीला आसमान और तारे दिखना प्रदूषण में कमी दर्शाता है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को प्रदूषण का एक कारण माना, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनने दिया जाना चाहिए।
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले की सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि वो चुप नहीं बैठ सकते हैं. दिल्ली में प्रदूषण कम हो सकता है, हमने कोविड-19 के दौरान देखा कि कैसे आसमान पूरा साफ हो गया है. लोग दिल्ली में रहते हुए भी आसमान में बगैर किसी प्रदूषण के तारे तक देख पाते थे.सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पराली जलाना तो प्रदूषण का एक कारण है. ये किसी के लिए राजनीतिक और अहम का कारण नहीं बनना चाहिए. 

साथ ही कोर्ट ने CAQM और सरकार से पूछा है कि प्रदूषण को कम करने के लिए उनका प्लान भी पूछा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि CAQM और प्राधिकारियों को कमर कसना चाहिए और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर विचार करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए जिस तरह से योजनाओं को चलाया जा रहा है उससे हम चिंतित हैं. 

इस सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत ने कहा कि हम बेकार नहीं बैठ सकते! कोविड-19 के दौरान लोग नीला आकाश और तारे क्यों देख पाए? सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण का सिर्फ एक स्रोत है. इसे राजनीतिक और अहंकार की लड़ाई नहीं बनना चाहिए!दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ पराली जलाने के कारण नहीं है. हमें दिल्ली में प्रदूषण के अन्य कारणों को रोकने के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदम बताएं. 

सुनवाई के दौरान  CAQM ने कोर्ट को बताया कि हमने हितधारकों से सलाह ली है. इसपर एएसजी ने कोर्ट से कहा कि हम सभी प्राधिकरणों-हरियाणा, पंजाब, सीपीसीबी आदि पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं . फिर सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि हम बेकार नहीं बैठ सकते, हम मान नहीं सकते या अनुमान नहीं लगा सकते, समाधान विशेषज्ञों से आना होगा.अदालतों के पास ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी, लेकिन यह निश्चित रूप से सभी हितधारकों को बैठने और विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है. 

10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई करेगा

CJI ने CAQM से पूछा कि उसका शॉर्ट टर्म प्लान क्या है? CAQM की तरफ से कहा गया.कि वो शॉर्ट टर्म प्लान को लेकर हलफनामा दाखिल कर चुकी है. ASG एश्वर्या भाटी ने कहा कि  हम एक्शन टेकन रिपोर्ट फाइल कर सकते हैं, सभी अथॉरिटी- हरियाणा, पंजाब, CPCB सभी की रिपोर्ट के आधार पर. CJI ने कहा कि हम हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकते,कोर्ट सभी स्टेकहोल्डर्स को बैठकर सोचने-समझने के लिए एक प्लेटफॉर्म ज़रूर दे सकते है.CJI ने CAQM से कहा कि वो एक हफ़्ते के अंदर पराली जलाने के अलावा दूसरे कारणों को रोकने के लिए उठाए गए असरदार उपायों पर एक रिपोर्ट जमा करे.

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