हम पर आरोप है कि हम संसद के कामकाज में हस्तक्षेप करते हैं: जस्टिस बी आर गवई

नेटफ्लिक्स, अमेजन, ऑल्ट बालाजी आदि के खिलाफ ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लील सामग्री के वितरण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी आर गवई ने ये टिप्पणी की है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

जस्टिस बी आर गवई ने एक बार फिर न्यायपालिका पर हमले को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि हमारी आलोचना की जाती है कि हम कार्यकारी कार्यों और विधायी कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट OTT पर एडल्ट कॉन्टेंट को रोकने और उसके लिए पॉलिसी बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग के मामले पर सुनवाई कर रहा था.

सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने एडवोकेट विष्णु शंकर जैन से कहा कि ये तो पॉलिसी मैटर है. यह देखना सरकार का काम है. आप चाहते हैं कि कोर्ट इसमें दख़ल दे! हम कैसे करें! हमारी तो आलोचना हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट विधायिका और कार्यप्रणाली के अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहा है.

नेटफ्लिक्स, अमेजन, ऑल्ट बालाजी आदि के खिलाफ ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए अश्लील सामग्री के वितरण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी आर गवई ने ये टिप्पणी की है.

जस्टिस गवई और एजी मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता से केंद्र को प्रतिनिधित्व करने को कहा है. एडवोकेट विष्णु शंकर जैन (याचिकाकर्ता के लिए) ने कहा कि ऐसी सामग्री ओटी पर उपलब्ध है. इसके बाद, अदालत ने जैन से केंद्र को याचिका की एक प्रति देने को कहा.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन से कहा कि आप याचिका की कॉपी दूसरे पक्ष को दीजिए. हम अगली तारीख पर सुनेंगे.

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi US Visit: राहुल ने अमेरिकी दौरे पर उठाए EC पर सवल, आपस में भिड़े Congress और BJP