"ऐसा नहीं है कि किसी ने मदद नहीं की..लोगों ने 50-100 रुपये भी दिये थे": उज्‍जैन दुष्‍कर्म मामला में पुलिस

उज्‍जैन दुष्‍कर्म मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस द्वारा इलाके के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद कल एक ऑटो-रिक्शा चालक से पूछताछ की गई, जहां किशोर को मदद मांगते हुए देखा गया था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.

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उज्जैन:

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भयावह दृश्य ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया, जिसमें एक 15 वर्षीय किशोरी दुष्‍कर्म के बाद अर्धनग्न अवस्‍था में मदद के लिए घर-घर जा रही थी... इस घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. लेकिन 72 घंटे बाद इस मामले में जो तथ्‍य सामने आए हैं, वो पुलिस के बयान मेल नहीं खाते हैं. वहीं, पुलिस अभी तक अपराधी का पता लगाने में कोई सफलता नहीं मिली है. इस लड़की की मदद एक आश्रम के पुजारी ने की, जिसने बताया कि वह बेहद बुरी अवस्‍था में थी और बहुत डरी हुई थी. 

अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं

उज्‍जैन दुष्‍कर्म मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस द्वारा इलाके के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन करने के बाद कल एक ऑटो-रिक्शा चालक से पूछताछ की गई, जहां किशोर को मदद मांगते हुए देखा गया था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें ऑटो-रिक्शा में खून के धब्बे मिले, लेकिन ड्राइवर को अपराध से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं मिला. पुलिस ने कहा है कि वे अभी भी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और अधिक जानकारी के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य देख रहे हैं. 

प्रयागराज थ्योरी

उज्जैन के पुलिस प्रमुख सचिन शर्मा ने कल कहा कि लड़की अपना नाम और पता नहीं बता पा रही है. उन्होंने कहा था कि उसके उच्चारण से पता चलता है कि वह लगभग 850 किमी दूर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से है. हालांकि, एफआईआर में उसका नाम और उसके पिता का नाम बताया गया है. अब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया है कि लड़की मध्य प्रदेश के एक जिले की रहने वाली है. वह आठवीं कक्षा की छात्रा है और अपने दादा और बड़े भाई के साथ रहती है. पुलिस अधिकारी ने कहा, "वह रविवार को लापता हो गई थी और उसके परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी."

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पीडि़ता का बयान...?

पुलिस ने बुधवार को कहा था कि पीडि़ता उन्हें कुछ भी नहीं बता पा रही है. लेकिन एनडीटीवी को मिली एफआईआर में उसका विस्तृत बयान है, जिसमें वह अपने साथ हुई क्रूरता के बारे में बता रही है. एफआईआर के अनुसार, पीड़िता के बयान के आधार पर बलात्कार से संबंधित आईपीसी की धाराएं और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के कड़े प्रावधान लागू किए गए थे. यह एफआईआर सोमवार को दर्ज की गई.

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घर से 700 किमी दूर

ताजा जानकारी के मुताबिक, लड़की मध्य प्रदेश के एक जिले की है, जो उज्जैन से 700 किमी से ज्यादा दूर है, जहां से वह मिली थी. उज्जैन पुलिस प्रमुख सचिन शर्मा ने कहा कि वह रविवार दोपहर को घर से निकली थी. सचिन शर्मा ने कहा, "वह रविवार दोपहर को उज्जैन के लिए रवाना हुई. अपने गृह जिले से उज्जैन की यात्रा का समय लगभग 12 घंटे है. और इस घटना की सूचना अगली सुबह दी गई. उज्जैन पहुंचने के बाद, वह सड़कों पर घूम रही थी."

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ताजा सीसीटीवी फुटेज

पुलिस जांच के दौरान जो नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें लड़की को उज्जैन के पास घूमते हुए देखा जा सकता है. उसने स्कूल यूनिफॉर्म पहन रखी है. फुटेज में एक जगह सुबह 3 बजे के समय वह स्कूल यूनिफॉर्म में दिखाई देती है. लेकिन कुछ घंटों बाद, उसे सीसीटीवी में अर्धनग्न देखा गया, जिससे पता चलता है कि अपराध सोमवार तड़के हुआ था.

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"कुछ लोगों ने मदद की"

सीसीटीवी फुटेज में लड़की को घर-घर जाकर मदद मांगते हुए भी देखा जा सकता है, लेकिन उसे काफी समय तक मदद न मिलने से लोगों में आक्रोश है. अर्धनग्न और लहूलुहान हालत में लड़की जब उसके पास आई, तो एक व्यक्ति को उसे भगाते हुए देखा गया. हालांकि, पुलिस अधिकारी शर्मा ने कहा कि यह सच नहीं है कि किसी ने उसकी मदद नहीं की. उन्होंने कहा, "मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिलीं. कुछ लोगों ने उसकी मदद की, उन्होंने उसे कुछ पैसे दिए. एक टोल बूथ कर्मचारी ने भी उसकी मदद की." उन दृश्यों के बारे में पूछे जाने पर, जिनमें लड़की को भगाते हुए दिखाया गया है, पुलिस अधिकारी ने कहा, "कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन उन्होंने उसकी आर्थिक मदद की. जब किशोरी हमें मिली, तो उसके पास ₹120 थे. पास के आश्रम के एक पुजारी द्वारा पुलिस को सूचित करने के बाद लड़की को अस्पताल ले जाया गया."


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