खास बातें
- प्रवचन करने वाले आसाराम पर मध्यप्रदेश में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि पर कब्जा करने का आरोप है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की मांग की है।
मुंबई: प्रवचन करने वाले आसाराम पर मध्यप्रदेश में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि पर कब्जा करने का आरोप है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की मांग की है।
मामला रतलाम में 200 एकड़ जमीन से संबंधित है और एसएफआईओ चाहता है कि आसाराम और उनके बेटों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और कम्पनी एक्ट 1956 के तहत मामला चले और हाल में उसने इस सिलसिले में अपनी अनुशंसा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को भेज दी है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आसाराम, उनके बेटे नारायण साई और कुछ अन्य लोगों पर मामला चलाने के लिए हमें एसएफआईओ से अनुशंसा प्राप्त हुई है और यह विचाराधीन है।’’ सूत्रों ने कहा कि दिल्ली-पुणे फ्राइट कॉरीडोर पर स्थित यह जमीन जयंत विटामिन्स लिमिटेड (जेवीएल) की है और इस पर वर्ष 2000 में कथित रूप से कब्जा किया गया और तब से वे इसका उपयोग कर रहे हैं।
जेवीएल एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी है जिसकी सूचीबद्धता 2004 में बंबई स्टॉक एक्सचेंज से समाप्त कर दी गई। कम्पनी दूसरी फार्मा कम्पनियों को ग्लूकोज और विटामिन की आपूर्ति करने वाली अग्रणी कम्पनी मानी जाती है।
जेवीएल ने मामले में शिकायत नहीं की जबकि कम्पनी के एक शेयरधारक ने मंत्रालय से संपर्क किया जिसने शिकायत की जांच 2010 में एसएफआईओ को करने को कहा। एसएफआईओ ने दो वर्षों तक मामले की जांच के बाद मंत्रालय को अनुशंसा भेजी है।