"इससे दूसरे लंबित मामलों में दिक्कत आएगी...", आशीष मिश्रा मामले में डे टू डे ट्रायल पर SC 

सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने अपनी बात रखी. उन्होंने कोर्ट से कहा कि निचली अदालत मे चल रही सुनवाई मे तेजी लाने की जरूरत है.

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लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी
नई दिल्ली:

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को आगे भी जारी रखने का आदेश दिया है. साथ कोर्ट ने कहा कि अभी हम डे टू डे ट्रायल नहीं कर सकते हैं. ऐसा करने से दूसरे लंबित मामलों में दिक्कत आएगी. इस मामले में ट्रायल जज गंभीरता से मामले की सुनवाई कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभी तक 6 स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है. 

"सुनवाई में लाई जाए तेजी"

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने अपनी बात रखी. उन्होंने कोर्ट से कहा कि निचली अदालत मे चल रही सुनवाई मे तेजी लाने की जरूरत है. भूषण ने कहा कि इस मामले में कुल 200 गवाह हैं. गवाहों की इतनी संख्या को देखते हुए निचली अदालत को चाहिए कि वो हफ्ते में कम से कम दो गवाहों के तो बयान दर्ज करे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कर पाना मुश्किल है. 

कोर्ट ने 25 जनवरी को दी थी जमानत

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस मामले की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ट्रायल को लेकर हुई प्रगति पर भी संतुष्टि जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि मामले का ट्रायल सही तरीके से चल रहा है. कोर्ट ने इस मामले में 25 जनवरी को कुछ शर्तों के साथ आशीष मिश्रा का आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी. उस दौरान कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अंतरिम जमानत की इस अवधि के दौरान आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश या फिर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली में नहीं रहेंगे. इसके साथ ही उन चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दे दी थी जो पीट- पीट कर मार डालने के आरोप में जेल में बंद थे. 

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पहले भी जताई थी संतुष्टि

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही जिला अदालत के ट्रायल पर संतुष्टि जताई थी. अदालत ने कहा था कि ट्रायल धीरे नहीं चल रहा है.जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले में ट्रायल नियमित रूप से चल रहा है. हमें ट्रायल जज से नियमित रूप से रिपोर्ट मिल रही है. सुप्रीम कोर्ट वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें भूषण ने  ट्रायल धीरे चलने की बात कही थी.

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