दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी ने बड़ा दावा करते हुए बताया कि जेडीयू के कई विधायक और सांसद बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. बीजेपी नेता के इस दावे के साथ ही जेडीयू में टूट की बात जोर पकड़ने लगी है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि अब जेडीयू में भगदड़ मचेगी, लेकिन नीतीश कुमार के वापस एनडीए में आने का कोई सवाल नहीं. क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही साफ कर दिया है. चाहे नीतीश जो कर लें तो भी NDA में वापसी नहीं होगी. देखिए बिहार में बगावत की स्थिति बन रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 17 सालों में किसी विधायक या सांसद मिलने का 1 मिनट का भी वक्त नहीं दिया है. सांसद लोगों को इंतजार करना पड़ता था अब वह प्रत्येक विधायक सांसद को आधा आधा घंटा समय दे रहे हैं.
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को अपना नेता मान लिया है और तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है, तब से जनता दल में विद्रोह की स्थिति है. कोई भी जदयू का विधायक या सांसद ना तो राहुल गांधी को स्वीकार करने के पक्ष में है और ना ही तेजस्वी यादव को. असल में कई सांसदों को लग रहा है कि उनका टिकट काटने वाला है पिछली बार उनको 17 सीट मिली थी क्या इस बार वह इतनी सीट जीत पाएंगे. इस बार 5 से 10 सीट से ज्यादा जीतने की स्थिति में नहीं है. सांसदों को लग रहा है कि पता नहीं उनका भविष्य क्या होगा नीतीश कुमार के बाद उनका क्या होगा. सारे लोग अपना भविष्य अंधकारमय में देख रहे हैं.
इसलिए भगदड़ की स्थिति है, विधायक और सांसद दूसरे दलों से संपर्क कर रहे हैं. अगर नीतीश कुमार अपना यह निर्णय वापस लेते हैं कि तेजस्वी उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे तो यह एक अलग स्थिति होगी, सही में पार्टी में टूट की स्थिति है. उन्होंने निर्णय तो यहां तक कर लिया है कि जनता दल यू का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर लेंगे. यह समय की बात है इसमें 4 महीने लगता है या 6 महीने जो खलबली मची हुई है. उसे नीतीश कुमार घबराए हुए हैं. साथ ही सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हम लोगों से भी संपर्क में हैं लेकिन किसको लेंगे नहीं लेंगे. इसमें बहुत कुछ निर्भर करता है. कुल मिलाकर एक और अस्थिरता का माहौल है. लालू जी ने अपना उत्तराधिकारी तेजस्वी को घोषित कर दिया है. लेकिन यहां नीतीश जी ने अपना उत्तराधिकारी तो घोषित किया नहीं है.
अब नीतीश कुमार का अपना वोट बैंक जिसको लव-कुश कहते हैं वह भी बिखर गया है और बीजेपी के साथ आ गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में कुछ भी हो सकता है. इसलिए मैंने कहा कि जेडीयू के अंदर भगदड़ की स्थिति है. अमित शाह जी पहले ही साफ कर चुके हैं कि किसी कीमत पर नीतीश कुमार को वापस नहीं लिया जाएगा, बहुत हो गया आपको 17 साल हमने ढोया. मैं ललन सिंह की बात पर कोई जवाब नहीं दूंगा. कुल मिलाकर वह अपनी पार्टी को पहले बचाएं वह बीजेपी के चिंता ना करें. बीजेपी अखिल भारतीय पार्टी अपने विधायक और सांसदों को बचाएं जो सिटी बन रही है, उसमें सबसे ज्यादा नाराजगी तो ललन सिंह को लेकर है.
ललन सिंह ने लालू प्रसाद यादव से हाथ मिला लिया, पहले लालू को जेल भेजो आया, अब लालू से गलबहियां कर रहे हैं. विधायकों को बिना विश्वास में लेकर गठबंधन तोड़ दिया गया. जिनके खिलाफ नीतीश कुमार हमेशा लड़ते रहें. आपने उनसे हाथ मिला लिया एक असमंजस की स्थिति पार्टी में बनेगी. ऐसी स्थिति में भविष्य में क्या होगा यह कहना मुश्किल है. वहीं समान नागरिक संहिता पर बात करते हुए कहा कि पार्लियामेंट्री पैनल की बैठक गोपनीय होती है. फिलहाल बस इतना ही कह सकता हूं रिफॉर्म्स इन पर्सनल लॉ इस मुद्दे पर हमने लॉ कमीशन को बुलाया है. मंत्रालय को भी बुलाया है, बाकी मीटिंग में क्या होगा क्या नहीं होगा यह गोपनीय मुद्दा रहता है.
दिग्गज जेडीयू नेता ने सुशील कुमार मोदी के दावे पर दी प्रतिक्रिया
सुशील कुमार मोदी के जनता दल यूनाइटेड में टूट को लेके दिए बयान पर ललन सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये तो मुंगेरी लाल के हसीन सपने के समान हैं. ललन सिंह ने महाराष्ट्र के घटना क्रम पर भी एनसीपी नेता शरद पवार का बचाव करते हुए बीजेपी पर धन बल का दुरुपयोग का आरोप लगाया.
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