2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग के मामले पर SC में 17 अप्रैल को होगी सुनवाई

गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि यह केवल पथराव का मामला नहीं था. दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को बंद कर दिया था.

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गुजरात के गोधरा में साल 2002 में हुए इस घटना में 59 लोगों की मौत हुई थी
नई दिल्ली:

2002 गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने के दोषियों की जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 17 अपैल को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाकर 59 लोगों को जिंदा जलाए जाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अब्दुल रहमान धंतिया, अब्दुल सत्तार इब्राहिम गद्दी समेत कुल 27 दोषियों की तरफ से दाखिल  जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है. जिनमें से एक आरोपी की पत्नी को कैंसर की वजह से उसकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी गई थी.

गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि यह केवल पथराव का मामला नहीं था. दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को बंद कर दिया था, जिससे ट्रेन में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि कुछ लोग कह रहे हैं कि उनकी भूमिका सिर्फ पथराव थी. लेकिन जब आप किसी बोगी को बाहर से बंद करते हैं, उसमें आग लगाते हैं और फिर पथराव करते हैं, तो यह सिर्फ पथराव का मामला नहीं है.

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