यशराज फिल्म्स को SC से राहत, फिल्‍म से 'जबरा फैन' गाने को बाहर करने पर उपभोक्‍ता आयोग के मुआवजे के आदेश पर रोक लगाई

दरअसल आफरीन फातिमा जैदी ने शिकायत की थी कि फिल्म 'फैन' के प्रोमो और ट्रेलर में दिखाए गए गाने 'जबरा फैन' के कारण उन्हें धोखा दिया गया था जो फिल्म में नहीं दिखाया जा रहा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने यशराज फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर नोटिस जारी किया (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

यशराज फिल्म्स (YRF) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. SC ने शाहरुख खान स्टारर  फिल्म 'फैन' से 'जबरा फैन' गाने को बाहर करने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission) के उपभोक्ता को दस हजार रुपये देने के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यशराज फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर नोटिस जारी किया और YRF के खिलाफ NCDRC  के आदेश के संचालन पर भी रोक लगा दी. जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने  यशराज फिल्मस की याचिका पर यह नोटिस जारी किया/ 

एडवोकेट ऑन-रिकॉर्ड लिज़ मैथ्यू के माध्यम से दायर याचिका में यह तर्क दिया गया है कि ये गाना केवल प्रचार उद्देश्यों के लिए था  और YRF इस फिल्म में गाने शामिल करने के लिए बाध्य नहीं है. इस तथ्य को सभी हितधारकों द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित किया गया था. दरअसल आफरीन फातिमा जैदी ने शिकायत की थी कि फिल्म 'फैन' के प्रोमो और ट्रेलर में दिखाए गए गाने 'जबरा फैन' के कारण उन्हें धोखा दिया गया था जो फिल्म में नहीं दिखाया जा रहा था. उसने दावा किया था कि जब वे फिल्‍म देखने गए तो उसके बच्चों ने उस रात खाना नहीं खाया क्योंकि वे इस तथ्य से निराश थे कि गाना फिल्म का हिस्सा नहीं था. इसके परिणामस्वरूप उनकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जिला उपभोक्ता फोरम ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया लेकिन महाराष्ट्र राज्य आयोग ने 2017 में उसकी अपील की अनुमति दी और YRF को निर्देश दिया कि उसे 10,000 रुपये के साथ-साथ 5,000 रुपये बतौर मुकदमेबाजी के हर्जाने के साथ मुआवजा दे.इस आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका को NCDRC ने पिछले साल फरवरी में खारिज कर दिया था.राष्ट्रीय आयोग का विचार था कि फिल्म के प्रोमो में एक गाना शामिल करना, जब वह वास्तव में फिल्म का हिस्सा नहीं है, दर्शकों को धोखा देता है और अनुचित व्यापार अभ्यास के तहत उपभोक्ता संरक्षण की धारा 2 (1) (आर) के तहत होता है. अपनी अपील में, YRF ने तर्क दिया कि एनसीडीआरसी द्वारा पारित आदेश उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि उक्त आदेश उस पर अनुचित शर्तें लगाता है कि उसे अपने पेशेवर मामलों का प्रबंधन कैसे करना चाहिए.

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