धंसते जोशीमठ मामले में दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो मंगलवार को मेंशनिंग लिस्ट में केस को शामिल करें, तब वो इस मसले की सुनवाई पर विचार करेंगे.

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ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने दाखिल की याचिका.
नई दिल्ली:

उत्तराखंड के सबसे फेमस कस्बों में से एक जोशीमठ लगातार धंसता जा रहा है. इसी मसले पर जल्द सुनवाई की मांग से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो मंगलवार को मेंशनिंग लिस्ट में केस को शामिल करें, तब वो इस मसले की सुनवाई पर विचार करेंगे. ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

इस याचिका में प्रभावित लोगों के पुनर्वास के साथ उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का भी आदेश देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है. याचिका में जोशीमठ क्षेत्र की जनता के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन, भू-धंसाव, भूमि फटने जैसी घटनाओं से निपटने के लिए उसे राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में घोषित कर त्वरित और कारगर कदम उठाने का आदेश केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को देने की गुहार लगाई गई है.

इसी के साथ इस याचिका में कहा गया है कि एनटीपीसी और सीमा सड़क संगठन को भी राहत कार्यों में मदद करने का आदेश दिया जाए. याचिका में केंद्र सरकार, एनडीएमए, उत्तराखंड सरकार, एनटीपीसी, बीआरओ और जोशीमठ के जिले चमोली के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है.

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