"यह न्‍यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग" : PMLA मामलों में सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर शीर्ष अदालत ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अभियुक्तों द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष सीधे समन को चुनौती देने या PMLA के प्रावधानों को चुनौती देने की आड़ में जमानत मांगने के लिए जनहित याचिकाएं दायर करने की प्रवृत्ति पर कड़ा रुख अपनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपियों को फटकार भी लगाई. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के मामलों में राहत के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर शीर्ष अदालत ने सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही अपने फैसले में PMLA प्रावधानों को सही ठहरा चुका है. बावजूद इसके आरोपी अपने केस में गिरफ्तारी से राहत के लिए इस एक्ट को चुनौती दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपियों को फटकार भी लगाई, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के आरोपियों ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली. 

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अभियुक्तों द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष सीधे समन को चुनौती देने या PMLA के प्रावधानों को चुनौती देने की आड़ में जमानत मांगने के लिए जनहित याचिकाएं दायर करने की प्रवृत्ति पर कड़ा रुख अपनाया है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कई आरोपियों द्वारा सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए. 

जस्टिस बेला त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि जनहित याचिका के तहत एक अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाएं और परिणामी राहत की प्रक्रिया में अन्य उपलब्ध कानूनी उपायों को दरकिनार करने के बराबर है. 

पीठ ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ के मामले में अपने जुलाई 2022 के फैसले में पीएमएलए की वैधता को बरकरार रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अदालत यह देखने के लिए विवश है कि विजय मदनलाल के फैसले के बावजूद धारा 15 और 63 की संवैधानिक वैधता और पीएमएलए के अन्य प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं में ये ट्रेंड हो चला है."

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राहतें याचिकाकर्ताओं के लिए खुले अन्य मंचों को दरकिनार कर रही हैं. 

ये भी पढ़ें :

* जस्टिस रमेश देवकीनंदन धानुका महज 3 दिनों के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
* नई संसद का उद्धाटन राष्ट्रपति से कराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- दखल नहीं देंगे
* दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से शर्तों के साथ मिली अंतरिम जमानत

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले के बाद Pakistan को कैसा जवाब देना चाहिए? | Top News
Topics mentioned in this article