सड़क सुरक्षा और पैदल यात्रियों के लिए 6 महीने में बनेंगे नए नियम... सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या दिए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छह महीने के भीतर सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की संबंधित धाराओं के तहत नियम बनाने और अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया है.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सड़क सुरक्षा से संबंधित नियम बनाने का आदेश दिया है.
  • मोटर वाहन अधिनियम के तहत पैदल चलने वालों और गैर मोटर चालित वाहनों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए जाएंगे.
  • सार्वजनिक स्थानों पर पैदल यात्रियों की आवाजाही और सुरक्षा को विनियमित करने के निर्देश दिए गए हैं.
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को छह महीने के भीतर सड़क सुरक्षा से जुड़े उपायों को मजबूत करने के लिए नियम बनाने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने सड़कों और फुटपाथ पर चलने वालों की सुरक्षा से संबंधित कई और आदेश भी दिए हैं. 

कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़क सुरक्षा के हित में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 138(1ए) के तहत नियम बनाने का निर्देश दिया है ताकि सार्वजनिक स्थानों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर गैर मोटर चालित वाहन और पैदल चलने वालों की गतिविधियों और पहुंच को रेगुरलाइज किया जा सके.

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित अहम निर्देश जारी किए हैं

  • छह महीने में नए नियम : सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छह महीने के भीतर सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की संबंधित धाराओं के तहत नियम बनाने और अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया है.
  • पैदल यात्रियों की सुरक्षा : धारा 128(1)(ए) के तहत, राज्यों को सार्वजनिक स्थानों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पैदल चलने वालों (Pedestrians) और गैर-यांत्रिक रूप से चालित वाहनों (जैसे साइकिल, ठेले, आदि) की आवाजाही और सुरक्षा को विनियमित (Regulate) करने के लिए नियम बनाने होंगे.
  • सड़कों के मानक : कोर्ट ने धारा 210(बी) के तहत, राज्यों को राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा अन्य सड़कों के डिज़ाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए मानक (Standards) निर्धारित करने का भी निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है ताकि पैदल यात्रियों को सुरक्षित आवागमन मिल सके.
  • अन्य नियमन : कोर्ट ने हेलमेट पहनना, गलत लेन में गाड़ी चलाना और कारों पर अनाधिकृत हूटर बजाने जैसे सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी सख्त नियम बनाने की बात कही है.
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