कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के गूगल पर लगाए गए जुर्माने के खिलाफ गूगल कंपनी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. अब गुरुवार को सुनवाई होगी. यह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 1338 करोड़ का जुर्माना लगाने का मामला है. सुप्रीम कोर्ट में गूगल की याचिका पर CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की बेंच कर रही है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल से पूछा था कि क्या वह वही व्यवस्था लागू करने का इच्छुक है जो उसने यूरोप में रखी है.
दरअसल केंद्र सरकार ने कहा था था कि गूगल ने यूरोप और भारत के बीच अलग- अलग नीति अपनाई है. उसने यूरोप में ऐसे ही मामले में चार बिलियन यूरो का जुर्माना दिया है, जबकि भारत में वह जुर्माने के फैसले को चुनौती दे रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने गूगल पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि, ये आदेश 20 अक्टूबर 2022 को पारित किया गया था. दिसंबर में अपील दायर की गई थी. उन्होंने कहा था, आपके पास वकीलों की बैटरी है. आप आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते थे. कृत्रिम आपातकाल बनाया जा रहा है. आप एक ऐसी आपात स्थिति पैदा कर रहे हैं ताकि ट्रिब्यूनल तारीख बढ़ाने के लिए विवश हो जाए.
वहीं गूगल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि यह सही नहीं है. अनुपालन की तिथि 19 जनवरी है. अपील दायर की गई थी. जब मामला राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) में आया तो जज ने कहा कि मामला बड़ा है. हमने कहा कि कृपया 13-16 जनवरी के बीच कभी भी सुन लें. असाधारण निर्देशों के लिए अपील और सूट दायर किया गया था. हमने Android बनाया है जो सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर है.
उल्लेखनीय है कि, दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्तूबर 2022 में गूगल की सहायक कंपनी एंड्रॉयड इंक पर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के चलते 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. एंड्रायड भारत में 97% स्मार्टफोन को आपरेटिंग सिस्टम प्रदान करता है और इस दिग्गज कंपनी के लिए भारत एक बड़ा बाजार है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने गूगल की अपील पर 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. गूगल ने NCLAT के अंतरिम आदेश पर रोक की मांग की है जिसने उसे 19 जनवरी तक जुर्माने की राशि का 10% जमा करने को कहा था और CCI के जुर्माने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.