अखिलेश और मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो)
खास बातें
- अखिलेश ने कहा, सपा-कांग्रेस गठबंधन चाहेंगे, तो क्या आप (मीडिया) रोक लेंगे
- प्रशांत किशोर और मुलायम सिंह की दो लम्बी मुलाकातें हुईं
- पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में सपा महागठबंधन का अहम घटक थी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन बनाने के बारे में जो भी निर्णय होगा वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का होगा और इस संबंध में उन्हें जो भी सुझाव देना होगा, वह पार्टी फोरम पर देंगे.
अखिलेश ने कहा, ''मुझे जो भी सुझाव देना होगा पार्टी फोरम पर दूंगा. चुनाव नजदीक है, (गठबंधन से) किसे फायदा होगा, किसे नुकसान, इसका ध्यान रखना पड़ेगा. निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेना है. ’’ अखिलेश उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी गायत्री प्रसाद प्रजापति के पिता के निधन पर सांत्वना देने उनके घर गए थे, जहां पत्रकारों ने उनसे संभावित महागठबंधन के बारे में सवाल पूछे.
कांग्रेस के साथ सपा के गठबंधन के बारे में सीधे सवाल होने पर अखिलेश ने उत्तर टालते हुए कहा, ''यदि सपा और कांग्रेस गठबंधन चाहेंगे, तो क्या आप (मीडिया) रोक लेंगे. ’’ उन्होंने बहरहाल कल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ हुई लम्बी बातचीत और उसके पहले पार्टी के रजत जयंती समारोह में समाजवादी विचारधारा से जुड़े विभिन्न दलों के नेताओं के जमावड़े के बाद महागठबंधन की चर्चाओं के बारे में कोई बात नहीं की.
गौरतलब है कि सपा के रजत जयंती समारोह में जनता परिवार से अलग होकर वजूद में आए राजद, रालोद, जदयू के नेताओं के एक मंच पर आने और विगत छह दिन के भीतर पीके की सपा मुखिया से तीन दौर की लम्बी बातचीत के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बिहार जैसा महागठबंधन बनाने की संभावनाओं को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई.
पीके की सपा मुखिया से पहली मुलाकात एक नवम्बर को दिल्ली में हुई थी, जबकि कल लखनऊ में भी दोनों के बीच लम्बी बातचीत के बाद अटकलें और तेज हो गई हैं.
हालांकि सपा अभी इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है. पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कल पार्टी राज्य मुख्यालय पर एक बैठक के बाद संवाददाताओं द्वारा महागठबंधन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जब गठजोड़ हो जाएगा, तभी इस बारे में कोई बात की जाएगी.
मालूम हो कि बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में सपा उस समय बने महागठबंधन का अहम घटक था और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को उसका नेतृत्व सौंपा गया था, लेकिन चुनाव से ऐन पहले सपा ने अपेक्षित संख्या में सीटें न मिलने का हवाला देते हुए गठबंधन से हाथ खींच लिया था.
हालांकि चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन ने भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को शिकस्त देकर सरकार बनाई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)