PMLA के तहत ED की शक्तियां : पुनर्विचार याचिका पर आज विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

याचिकाओं में PMLA के तहत अपराध की आय की तलाशी, गिरफ्तारी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय ( ED) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती दी गई है.

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नई दिल्ली:

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( PMLA) के तहत ED की शक्तियों के फैसले से जुड़ी पुनर्विचार याचिका पर आज तीन जजों की बेंच विचार करेगी. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की पुनर्विचार याचिका पर चेंबर में विचार किया जाएगा. CJI एन वी रमना, जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की इसपर विचार करने वाली है. कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट में ED की शक्तियों को बरकरार रखने के 27 जुलाई के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.

27 जुलाई को PMLA के तहत ED द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिंदबरम और महाराष्‍ट्र सरकार के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख समेत 242  याचिकाओं पर फैसला सुनाया था. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच ने यह फैसला सुनाया था. 

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याचिकाओं में धन शोधन निवारण अधिनियम ( PMLA) के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी. याचिकाओं में PMLA के तहत अपराध की आय की तलाशी, गिरफ्तारी, जब्ती, जांच और कुर्की के लिए प्रवर्तन निदेशालय ( ED) को उपलब्ध शक्तियों के व्यापक दायरे को चुनौती दी गई. इसमें कहा गया है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं. 

इस मामले में कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने हाल के PMLA संशोधनों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर SC के समक्ष दलीलें दीं. कड़ी जमानत शर्तों, गिरफ्तारी के आधारों की सूचना ना देना, ECIR (FIR के समान) कॉपी दिए बिना व्यक्तियों की गिरफ्तारी, मनी लॉन्ड्रिंग की व्यापक परिभाषा और अपराध की आय, और जांच के दौरान आरोपी  द्वारा दिए गए बयान ट्रायल में बतौर सबूत मानने जैसे कई पहलुओं पर कानून की आलोचना की गई है. दूसरी ओर, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में प्रावधानों का बचाव किया था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को  बताया कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 18,000 करोड़ रुपये  बैंकों को लौटा दिए गए हैं.

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