बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर देवेन्द्र उपाध्याय की फिर से शपथ लेने वाली याचिका SC से खारिज

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए ये कहा कि ये पब्लिसिटी हासिल करने के मकसद से दायर की गई एक आधारहीन याचिका है. इस तरह की याचिकाओं के चलते अदालत का कीमती वक्त बर्बाद होता है.

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नई दिल्ली: जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय के बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर फिर से शपथ की मांग वाली याचिका को SC ने खारिज कर दी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. याचिकाकर्ता का कहना था कि गवर्नर के 'मैं' बोले जाने के बाद शपथ लेते हुए जस्टिस उपाध्याय ने 'मैं' शब्द नहीं बोला. इसलिए ये शपथ ठीक नहीं है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए ये कहा कि ये पब्लिसिटी हासिल करने के मकसद से दायर की गई एक आधारहीन याचिका है. इस तरह की याचिकाओं के चलते अदालत का कीमती वक्त बर्बाद होता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हज़ार का जुर्माना लगाया है. वकील अशोक पांडे की दलील थी कि राज्यपाल ने जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय को जब शपथ दिलाते हुए आई बोला तो जस्टिस उपाध्याय ने सीधे अपना नाम बोला, जबकि उनको आई शब्द भी बोलना था. लिहाजा शपथ अधूरी रहने से उसे दोबारा कराना चाहिए.

शपथ ग्रहण समारोह में बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा और दादरा नगर हवेली के भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल/उपराज्यपाल या प्रशासक को भी नहीं बुलाया जाता. लिहाजा इन सारी प्रार्थनाओं पर कोर्ट आदेश जारी करे. ताकि दोबारा सही तरीके से शपथ दिलाई जा सके. सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष चल रही सुनवाई में सीजेआई ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल किया है.

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