CBSE पाठ्यक्रम को लेकर RJD का तीखा हमला, जेडीयू ने भी सहयोगी दल बीजेपी को दी नसीहत

यूनीफ़ॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के बाद यूजीसी द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम से शिमला समझौता या मुग़ल शासन से जुड़ी कुछ बातों को हटाने के खबरों पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विरोध किया है. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins

तेजस्वी यादव ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये देश नागपुर से चल रहा है.

पटना:

सीबीएसई पाठ्यक्रम से मुगल काल के कुछ हिस्सों, फैज की नज्म औऱ अन्य चीजों को हटाने को लेकर विपक्षी दल आरजेडी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला ही है. वहीं जेडीयू ने भी बिहार सरकार में अपने सहयोगी दल बीजेपी को नसीहत दे डाली है. दरअसल, बिहार में एनडीए के दो प्रमुख घटक, जनता दल यूनाइटेड और भाजपा अमूमन हर मुद्दे पर एक दूसरे के ख़िलाफ़ सार्वजनिक रूप से स्टैंड लेने लगे हैं. यूनीफ़ॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के बाद यूजीसी द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम से शिमला समझौता या मुग़ल शासन से जुड़ी कुछ बातों को हटाने के खबरों पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विरोध किया है. 

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इसको लेकर तीखा हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये देश नागपुर से चल रहा है. RSS का एजेंडा चल रहा है. आरएसएस संविधान की जगह अपना एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहा है. 

Advertisement

जेडीयू नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार या शिक्षा विभाग को इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. सीबीएसई द्वारा किसी बदलाव को लेकर हमें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन जैसा मुगलकाल, फैज की नज्म या किसी अन्य हिस्से को पाठ्यक्रम से हटाया गया है. मुगलकाल भी भारतीय इतिहास का अविभाज्य हिस्सा है. उसको कोई देश का इतिहास समझना चाहे तो बीच से किसी पार्ट को कैसे कोई निकाल सकता है. देश में आजादी के बाद रहे सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल की सभी उपलब्धियों को बताया गया है. 

Advertisement
Advertisement

उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन भी एक महत्वपूर्ण घटना है. जब पूरी दुनिया दो हिस्से में बंटी थी, तो 120 विकासशील देशों ने एक फोरम बनाकर अपनी बात जोरदार ढंग से दुनिया के सामने रखी. ये तो इतिहास का अविभाज्य हिस्सा है, इसे निकालने का क्या औचित्य है. इतिहास का पुराना हिस्सा धीरे-धीरे वैसे ही स्मरण पटल से मिटता चला जाता है. 

Advertisement

चौधरी ने कहा कि हम दो तरफ से दुश्मनी भरा रवैया झेल रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान का विभाजन होकर बांग्लादेश का उदय होना, इंदिरा गांधी के समय की असाधारण घटना थी. इसी के आधार पर शिमला समझौता हुआ था, इतिहास तो पढ़ा ही जाता है, सीख लेने के लिए. देश को क्या फायदा-नुकसान हुआ. अगर हम अपने इतिहास को दरकिनार कर देंगे तो आगे क्या सीख मिलेगी.

यह भी पढ़ें:
सीबीएसई ने पाठ्यक्रम से इस्लामी साम्राज्य, शीतयुद्ध पर अध्याय हटाया, फैज़ की नज़्में भी बाहर
CBSE Syllabus 2022-23: सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा का सिलेबस किया जारी, अगले साल से नहीं होगी 2 टर्म में परीक्षा
CBSE Term 2 Exams 2022: सीबीएसई टर्म 2 परीक्षा से पहले आज लाइव वेबिनार का करेगा आयोजन, सुबह 11 बजे वेबिनार

सीबीएसई ने पाठ्यक्रम से 'लोकतंत्र और विविधता', मुगल दरबार, फैज की कविताएं हटाई

Topics mentioned in this article