यह ख़बर 08 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

विकीलीक्स : स्वीडिश कंपनी के लिए 'इंटरप्रेन्यूर' बन गए थे राजीव गांधी

खास बातें

  • विकीलीक्स के हवाले से 'द हिन्दू' ने कहा है कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से पहले स्वीडिश कंपनी साब स्कैनिया से जुड़े हुए थे और कंपनी में उद्यमी की तरह काम कर रहे थे।
नई दिल्ली:

विकीलीक्स ने भारत के संदर्भ में एक बड़ा खुलासा किया है। समाचारपत्र 'द हिन्दू' की वेबसाइट में प्रकाशित आलेख के मुताबिक राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से पहले स्वीडिश कंपनी साब स्कैनिया से जुड़े हुए थे और कंपनी में उद्यमी की तरह काम कर रहे थे। ये कंपनी भारत को युद्धक विमान बेचने की कोशिश कर रही थी।

हालांकि, भारत से स्वीडिश कंपनी की यह डील फाइनल नहीं हो पाई थी और भारत ने ब्रिटिश फाइटर प्लेन जगुआर को खरीदने का फैसला किया था, उस वक्त राजीव गांधी इंडियन एयरलाइंस में पायलट थे। विकीलीक्स ने ये ख़बर किसिंजर केबल के हवाले से दी है।

विकीलीक्स के इस खुलासे पर कांग्रेसी नेता जनार्दन द्विवेदी ने कहा है कि मुझे सबसे ज्यादा यह अफसोस है कि मीडिया के वे अंग जिनके विवेक पर देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा भरोसा करता रहा है, वह भी सनसनीखेज खबरों पर भरोसा करने लगे हैं। अगर यह मान लिया जाए कि इस संदेह में कोई सच्चाई है तो उसके नीचे एक और खबर है, जिसमें एनडीए के एक बड़े नेता का नाम है।

गौरतलब है कि विकीलीक्स ने 1974 से लेकर 1976 के बीच के 41 केबल का हवाला दिया है। विकीलीक्स के मुताबिक, इस तरह के सौदे में गांधी परिवार की अहमियत को स्वीडिश कंपनी के साथ-साथ फ्रेंच कंपनी ने भी भांप लिया था और इसका इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही थी।

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खुलासे के मुताबिक, उस वक्त एयरक्राफ्ट सौदे के लिए फ्रांस के मिराज की तरफ से उस वक्त के एयर चीफ मार्शल ओपी मेहरा के दामाद मिडिलमैन की भूमिका निभा रहे थे। जबकि राजीव गांधी स्वीडिश कंपनी के लिए काम कर रहे थे। इस सौदे के दौरान स्वीडिश राजदूत द्वारा अपने देश लिखे गए गोपनीय केबल में कई बार राजीव गांधी और उनके परिवार की अहमियत के बारे में चर्चा की गई है।

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