राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश की न्याय व्यवस्था और पीएम मोदी पर शनिवार निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश के अंदर तनाव और हिंसा का माहौल है. ऐसे में पीएम मोदी को चाहिए कि वो हिंसा के खिलाफ देश को संदेश दें. अगर पीएम लोगों से अपील करेंगे तो लोग उनकी सुनेंगे. इस दौरान गहलोत ने न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा नूपुर शर्मा मामले में टिप्पणी करने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमे सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों द्वारा जो कहा गया उसे सोचना और समझना चाहिए. इन दोनों जजों ने केवल देश की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके खिलाफ 116 लोगों जिनमें सेवानिवृत न्यायधीश भी शामिल थे, ने बयान दिया. मुझे नहीं पता कि ये कैसे किया और उन्होंने ऐसा क्यों किया.
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गहलोत ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुले तौर पर अपनी बात रखी हो. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चार जज देश के सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है. अशोक गहलोत ने ये बाते जयपुर में आयोजित 18वीं भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की मीटिंग समारोह में कही. इस समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू, सुप्रीम कोर्ट के अन्य वरिष्ठ जज और राजस्थान हाइकोर्ट के जज भी मौजूद थे.
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अशोक गहलोत ने इस दौरान विभिन्न राज्यों में जोड़तोड़ से बनी सरकारों को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आज देश की हालत गंभीर है. देखिए कैसे गोवा,मणिपुर,कर्नाटक,एमपी और महाराष्ट्र में सरकारें गिराई और ब नाई गई हैं. यह कोई तमाशा है क्या? ऐसे में लगता है कि क्या सच में देश में लोकतंत्र है?. यहां तक की मेरी सरकार को भी अस्थिर करने की कोशिश की गई. लोग हैरान हैं कि आखिर मैं कैसे बच गया. गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजस्थान सरकार को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि देश में आज तो सिर्फ खरीद -फरोख्त के जरिए ही सरकारें बदली जा रही हैं और देश में मौजूदा हालात बेहद नाजुक है.