राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों को दी स्वीकृति 

संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है. 

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राष्‍ट्रपति ने तीनों नए आपराधिक न्याय विधेयकों पर मुहर लगा दी है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने संसद द्वारा गत सप्ताह पारित किए गए तीन नए आपराधिक न्याय विधेयकों (New Criminal Law Bills) को सोमवार को स्वीकृति प्रदान कर दी है. तीन नए कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून औपनिवेशिक काल के तीन कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे. 

संसद में तीनों विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय मुहैया कराने का है. 

उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजा को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव लाना है. 

इनमें आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा दी गई है, राजद्रोह को अपराध के रूप में खत्म कर दिया गया है और ‘‘राज्य के खिलाफ अपराध'' शीर्षक से एक नया खंड जोड़ा गया है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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