PM मोदी की सुरक्षा में चूक : एयरफोर्स के लॉग और सिक्योरिटी ग्रुप 'Blue Book' जांच के दायरे में

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा, "भारतीय वायु सेना के लॉग को स्कैन करके देखा जाएगा कि उन्होंने एसपीजी को क्या रिपोर्ट दी थी."

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
फिरोजपुर की रैली में जाते समय फ्लाईओवर पर फंस गए थे पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पांच जनवरी को पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Modi Security Breach) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय कमेटी गठित की है. पंजाब यात्रा के दौरान जब प्रधानमंत्री फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे तो पाकिस्तान सीमा से 10 किलोमीटर दूर उनका काफिला फंस गया था. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी इस बात की भी जांच करेगी कि इस घटना में कोई आपराधिक साजिश तो नहीं थी.

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी से कहा, "भारतीय वायु सेना के लॉग को स्कैन करके देखा जाएगा कि उन्होंने एसपीजी को क्या रिपोर्ट दी थी. देखा जाएगा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री को बठिंडा से रैली स्थल तक हेलिकॉप्टर से जाने की सुरक्षा मंजूरी दी थी या फिर मना कर दिया था, जिसका अनुमान लगाया जा रहा है." 

अधिकारी के मुताबिक, जांच का अहम मुद्दा यह होगा कि प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से ले जाने का फैसला किसने किया. 

Advertisement

उन्होंने कहा, "इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के संबंध में एसपीजी और पंजाब पुलिस की भूमिका की जांच की जाएगी.'

Advertisement

READ ALSO: 'पंजाब सरकार ने किसानों से PM का काफिला रोकने को कहा, खतरे में डाली जान', हरियाणा CM बोले

Advertisement

दिलचस्प बात यह है कि आईबी ने गृह मंत्रालय को बताया कि उन्होंने पंजाब सरकार के साथ इनपुट साझा करते हुए कहा था कि जब पीएम हुसैनीवाला के रास्ते में होंगे" तो किसी प्रकार का प्रदर्शन या आंदोलन" हो सकता है.

Advertisement

गृह मंत्रालय के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, आईबी ने वास्तव में राज्य पुलिस को भी चेतावनी दी थी कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू स्थानीय युवाओं को भड़का रहे थे और उन्हें पैसे का लालच दे रहे थे. आईबी ने एक सामान्य अलर्ट जारी करते हुए पंजाब सरकार को सतर्क रहने के लिए कहा था क्योंकि पीएम के कार्यक्रम का स्थान पाकिस्तान बॉर्डर के करीब था. 

आईबी के एक पूर्व डायरेक्टर ने कहा, "घटना से यह पता चलता है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार और निर्णय लेने वाले प्रमुख लोगों में प्रोफेशनलिज्म की कमी है. उन्हें रूल बुक का पालन करना चाहिए और दबाव में नहीं आना चाहिए." उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस और एसपीजी दोनों को इस ढुलमुल रवैये के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "यदि एसपीजी ने अपने ड्रिल्स का पालन किया होता तो उनके द्वारा रास्ते में एक सेफ हाउस निर्धारित किया जाता, जब उन्हें पता चला कि आंदोलनकारी किसान सड़क जाम कर रहे हैं तो प्रधानमंत्री को सेफ हाउस क्यों नहीं ले गए. देश के प्रधानमंत्री को सड़क पर फंसे क्यों छोड़ दिया गया." 

ड्रिल्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री का काफिला एक बब्ल में चलता है जिसमें एक पायलट कार आगे होती है और एक टेल कार आखिर में होती है. वाईपीआई सुरक्षा का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जब एडवांस सिक्योरिटी लायजनिंग टीम उन इलाकों का दौरा करती है जहां से प्रधानमंत्री की यात्रा का रूट और प्वाइंट होता है. यह हकीकत है कि बीजेपी समर्थक पुल की उस सड़क तक पहुंच जाते हैं, जहां प्रधानमंत्री का काफिला फंस गया था, यह गंभीर आपराधिक सुरक्षा चूक है." 

ब्लू बुक (Blue Book) के कंटेट की भी जांच की जाएगी.  इसमें प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान राज्य के अधिकारियों द्वारा पालन की जाने वाली प्रक्रिया और स्पेशल प्रोटेक्शन के बारे में पूरी जानकारी शामिल है ताकि यात्रा के समय प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी और सेफ्टी सुनिश्चित की जा सके. 

वीडियो: प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाई

Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh के Bhopal से बड़ी खबर, एक ही थाने के 9 पुलिसकर्मी पर गिरी गाज | BREAKING News
Topics mentioned in this article