श्रीलंका में पीएम मोदी-राष्ट्रपति दिस्सानायके शिखर वार्ता के दौरान कई समझौतों पर सहमति बनने की उम्मीद

PM Modi-President Dissanayake Summit: यात्रा से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है.

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PM Modi-President Dissanayake Summit:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच शनिवार को वार्ता होनी है.

PM Modi-President Dissanayake Summit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच शनिवार को होने वाली वार्ता के बाद भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने समेत लगभग 10 समझौतों पर सहमति बनने की उम्मीद है.मोदी बैंकॉक की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद शुक्रवार शाम को श्रीलंका की राजधानी पहुंचेंगे. बैंकॉक में उन्होंने बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया.

मोदी पहले विदेशी नेता हैं, जिनकी श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में दिसानायके मेजबानी करेंगे. मोदी ने पिछली बार 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था. यात्रा से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. इसके अलावा तीन और समझौतों पर भी बात हो सकती है.

रक्षा सहयोग पर हो सकती है बात

यदि रक्षा सहयोग से संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो यह भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक बड़ी प्रगति का संकेत होगा. इस समझौते के बाद लगभग 35 वर्ष पहले भारत द्वारा श्रीलंका से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाए जाने से संबंधित कड़वी यादें पीछे छूट जाएंगी.प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय हो रही है जब श्रीलंका के आर्थिक संकट से उबरने के संकेत मिल रहे हैं.

तीन साल पहले देश भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी. मोदी और दिसानायके के बीच वार्ता के बाद, ऋण पुनर्गठन और श्रीलंका को भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता को सुविधाजनक बनाने से संबंधित दो दस्तावेज सार्वजनिक किए जाने की संभावना है.

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कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने क्या कहा

कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में कहा कि दुनिया के किसी भी देश को भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता की तुलना में श्रीलंका को दी गई सहायता 'अभूतपूर्व' थी. झा ने कहा, 'यह बहुत बड़ी सहायता थी और हम विभिन्न क्षेत्रों में सहायता करने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर रहे हैं. यहां इसकी बहुत सराहना की जाती है.'उन्होंने कहा, 'भारत आईएमएफ को वित्तीय आश्वासन देने वाला पहला देश था. इसके बाद आईएमएफ ने श्रीलंका को विस्तारित निधि सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया.'उच्चायुक्त ने कहा, 'भारत ऋणों के पुनर्गठन के लिए अपनी ओर से आश्वासन देने वाला भी पहला देश है.” झा ने पिछले साल दिसंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा को याद करते हुए कहा कि मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान सहयोग के एजेंडे को आगे बढ़ाया जाएगा.

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