बिहार में जातिगत गणना में ट्रांसजेंडर को जाति में शामिल करने के खिलाफ SC में याचिका दाखिल

याचिका में कहा गया, 6 जून, 2022 की जारी अधिसूचना संवैधानिक जनादेश के खिलाफ है. साथ ही ये ट्रांसजेंडरों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

बिहार में जाति आधारित गणना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. जिसमें गणना में ट्रांसजेंडर को जाति में शामिल करने को चुनौती दी गई है. साथ ही सर्वे को शून्य करार देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातिगत गणना में 214 जातियों के रूप में नामित की गई सूची में ट्रांसजेंडर को शामिल करने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.

याचिका में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर को लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि ट्रांसजेंडर जाति के आधार पर इसमें नामित किया गया है जो कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकार ने जाति आधारित गणना में जाति कोड सूची के तहत क्रम संख्या 22 पर हिजड़ा, किन्नर, कोठी, ट्रांसजेंडर (तीसरे लिंग) को एक अलग जाति कोड के रूप में वर्गीकृत किया. उन्हें लिंग की श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं किया गया. ट्रांसजेंडरों का ऐसा वर्गीकरण ग़लत है और संवैधानिक आदेश के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के भी खिलाफ है.

याचिका में कहा गया, 6 जून, 2022 की जारी अधिसूचना संवैधानिक जनादेश के खिलाफ है. साथ ही ये ट्रांसजेंडरों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है. इसलिए  राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण करना शून्य है.

Advertisement

इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश जारी करने से इनकार कर दिया था.

Featured Video Of The Day
Parsvottanasana l Pyramid Pose l रीढ़ की हड्डी की हर समस्या के लिए 'Best' हैं यह योगभ्यास
Topics mentioned in this article