पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट मामले (Patna Gandhi Maidan Blast) में एनआईए की विशेष अदालत (Special NIA Court) बुधवार को फ़ैसला सुनाएगी. पांच साल पहले आज ही के दिन यहां नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान जोरदार धमाका हुआ था. 27 October 2013 को उस वक्त बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के तत्कालीन मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी की रैली (Narendra Modi Rally) के दौरान एक के बाद एक कई धमाकों में सात लोगों की जान गई थी. हालांकि इन धमाकों के बाबजूद रैली भी हुई और नरेंद्र मोदी ने इसे संबोधित भी किया था.
ये धमाके इंडियन मुजाहिदन( Indian Muzahaddin) ने कराए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी तफ्तीश राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपी गई थी. एनआईए ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ़्तार किया था. संभावना जताई जा रही है कि इस केस में सभी अभियुक्तों को दोषी ठहराया जा सकता है.
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बिहार पुलिस के मुताबिक रैली के दिन शहर में इस हमले को इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने अंजाम दिया था. उसका कहना था कि शहर में कुल 18 बम प्लांट किए गए थे. इनमें से पांच बम रेलवे स्टेशन परिसर में थे, जिसमें से एक फट था और एक को निष्क्रिय किया गया था. पुलिस को स्टेशन परिसर से तीन और बम भी मिले थे.
रैली स्थल गांधी मैदान में भी छह धमाके हुए थे. पुलिस ने इस केस में अभी तक सात लोगों को पकड़ा है, जिसमें समस्तीपुर, औरंगाबाद और मोतिहारी से एक−एक, जबकि रांची से 4 लोग पकड़े गए थे. पुलिस ने कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के कुछ सिम कार्ड भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की गई.
तत्कालीन यूपीए सरकार ने पटना में कम तीव्रता के सीरियल बम धमाके पर बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. इस केस की जांच में मदद के लिए एनआईए टीम भेजी गई. केंद्र ने एनआईए के विस्फोटक विशेषज्ञों की एक टीम भी भेजी थी, जिससे साजिश के अहम सुराग हाथ लगे.
नरेंद्र मोदी की रैली से पहले पटना में सीरियल ब्लास्ट