दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक मामले में सोमवार को यहां एक अदालत के समक्ष पूरक आरोप पत्र दाखिल किया. संसद की सुरक्षा में चूक की यह घटना पिछले साल, 2001 के आतंकी हमले की बरसी पर हुई थी. मामले के सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया. अदालत ने मामले का संज्ञान लेने पर बहस के लिए दो अगस्त की तारीख तय की. इसने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत अगली सुनवाई तक बढ़ा दी.
विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान न्यायाधीश को सूचित किया कि पुलिस ने यूएपीए की धाराओं के तहत आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी प्राप्त कर ली है. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि कुछ फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है और उन्हें बहुत जल्द प्रस्तुत किया जाएगा. इससे पहले सात जून को पुलिस ने सभी छह गिरफ्तार व्यक्तियों -मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत के खिलाफ लगभग 1,000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था.
संसद पर 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी के दिन, पिछले साल 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक की घटना उस वक्त हुई थी, जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गये थे और उन्होंने ‘केन' के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था. बाद में सांसदों ने इन्हें काबू किया था. लगभग उसी समय, दो अन्य आरोपियों - अमोल शिंदे और नीलम आजाद - ने भी संसद परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए केन से रंगीन धुआं छोड़ा था.
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