शनिवार को लगी लोक अदालत की नई पहल आकर्षण का केंद्र रही. लोक अदालत की पीठ में एक जज और एक सहायक सदस्य रहते हैं. इस बार ट्रांसजेंडर, वरिष्ठ नागरिकों और एसिड अटैक पीड़ितों को भी सहायक सदस्य के तौर पर पीठासीन होने का अवसर दिया गया. यानी उन्होंने जज के साथ पीठ में शामिल होकर केसों का निपटारा किया. DALSA के सदस्य सचिव भरत पाराशर के मुताबिक पहली बार छह ट्रांसजेंडर, पांच सीनियर सिटीजन और दो एसिड विक्टिम्स को बेंच का सहायक सदस्य बनाया गया.
इससे समाज के सभी वर्गों को लोक अदालत से जोड़ने का अवसर मिलेगा. इस पहल के जरिए ही लोक अदालत अपने शाब्दिक अर्थ को भी सार्थक करेगी. दरअसल इस बार लोक अदालतों में एक लाख 28 हजार 871 मामले निपटाए गए. दिल्ली की 6 जिला अदालतों के साथ हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल्स में शनिवार को हाइब्रिड तरीके से लगाई गई लोक अदालतों में 330 लोक अदालत पीठों के सामने 1 लाख 45 हजार 325 मुकदमे सुनवाई के लिए भेजे गए थे.
इनमें से अधिकतर का निपटारा करके न्यायपालिका पर मुकदमों का बोझ कम किया गया. दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण यानी DALSA के सदस्य सचिव भरत पराशर के मुताबिक लोक अदालतों में सेवा, समाधान, समर्पण के सूत्र वाक्य के तहत निपटाए गए मुकदमों में कुल 214.67 करोड़ रुपए का सेटलमेंट किया गया. 38 करोड़ रुपए का सेटलमेंट तो सिर्फ MACT से संबंधित 547 मामलों में ही हो गया.
22 पुराना एक अपराधिक मुकदमा भी पटियाला हाउस कोर्ट की लोक अदालत में निपटाया गया. लोक अदालतों में सिविल और क्रिमिनल मामलों के अलावा मोटर व्हीकल, चेक बाउंस, MACT, वैवाहिक विवाद, कम्पनी विवाद, बैंक रिकवरी जैसे मामले भी शामिल थे. ट्रैफिक चालान के मामलों में लोगों ने सबसे ज्यादा तेजी दिखाई. नागरिकों ने एक लाख 44 हजार से ज्यादा ट्रैफिक चालान पुलिस वेबसाइट से डाउन लोड किए.
यानी लोक अदालतों में निपटारे के लिए गए, इनमें से एक लाख एक हजार 550 ट्रैफिक चालान का निपटारा 96.26 लाख रुपए के भुगतान सहित हो गया. डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में लोक अदालत के दौरान निपटाए गए 77 मामलों से 454.59 करोड़ रूपए वसूले गए.
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