पुराने संसद भवन की विदाई, जानें पीएम मोदी समेत बाकी नेताओं ने क्या कहा?

नए संसद भवन में मंगलवार से कामकाज शुरू हो जाएगा. लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1:15 बजे और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2:15 बजे शुरू होगी.

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पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन में हुए आखिरी कामकाज में 50 मिनट तक भाषण दिया.
नई दिल्ली:

पुराने संसद भवन में सोमवार को आखिरी कामकाज हुआ. इस ऐतिहासिक इमारत में सोमवार को शुरू हुआ संसद का विशेष सत्र दिन भर चली चर्चा के बाद स्थगित कर दिया गया. नए संसद भवन में मंगलवार से कामकाज शुरू हो जाएगा. लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1:15 बजे और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2:15 बजे शुरू होगी. पुराने संसद भवन में सोमवार को हुई आखिरी कार्यवाही में पीएम नरेंद्र मोदी ने 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी. आइए जानते हैं पीएम मोदी समेत किस नेता ने पुराने संसद के लिए क्या कहा:-

पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम ने कहा- 'इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है, बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं. हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है. कई यादों से भरा हुआ है. उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है." इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है. इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुआ कहा कि आज के बाद से संसद की कार्यवाही नए भवन से संचालित होगी. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “अब तक सदन को 15 प्रधानमंत्रियों का नेतृत्व प्राप्त हुआ. जिन्होंने इस देश की दशा और दिशा तय की है. ये सदन संवाद का प्रतीक रहा है. पिछले 75 सालों में यहां देश हित में सामूहिकता से निर्णय लिए गए.”

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नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 
संसद की पुरानी इमारत में आखिरी कार्यवाही के मौके पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "बदलना है तो देश के हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है." खरगे ने कहा, “इन 75 साल में हमने बहुत कुछ देखा और सीखा. मैंने 52 साल यहां बिताएं हैं. ये भवन आज़ाद भारत के सभी बड़े फैसलों का गवाह है. इस भवन में संविधान सभा 165 दिन बैठी. संविधान बनाया जो 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ.”

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी
पार्लियामेंट में हमारी कितनी स्मृतियां हैं अनगिनत है सदन के चलते वह हमारे दिल में बसे हुए हैं कितने करीबी लोगों को देहांत हुए देखा है सब कोई बार-बार याद आते रहे भावुक भी हो जाते हैं लेकिन क्या करें जिंदगी इस तरह चलती रहती है यह रुकने वाला नही हैं  । इसलिए आगे भी चलना चाहिए इस सदन के साथ हमारा ताल्लुकात शरीर के साथ आत्मा के जैसा होता है हम लोगों की दया और दुआ से यहां आने का मौका मिलता है मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं यहां तक आ पहुंचा हूं मैं उन लोगों के प्रति कृतज्ञ व्यक्त करना चाहता हूं

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असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "यह संसद एक इमारत नहीं है, यह देश का दिल है, जो गरीब लोगों की तकलीफ़ को महसूस करती है." ओवैसी ने कहा, "मैं आपके सामने 15 मिसालें पेश करूंगा, जब संसद ने अपनी नाकामी के सबूत पेश किए. एक जब दिल्ली की सड़कों पर सिखों का कत्ल किया जा रहा था. एक उस वक्त जब 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की शहादत हुई." ओवैसी ने कहा, "ये भारत का दिल है. आज गरीबों, मजलूमों, मुसलमानों, कश्मीर के लोगों, दलितों और आदिवासियों में इस संसद के लिए मोहब्बत और विश्वास खत्म हो रहा है, कम हो रहा है. इसलिए जनता सड़कों पर आकर विरोध कर रही है. क्योंकि उन्हें लगता है कि यह संसद हमारा दिल नहीं है."

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नवनीत राणा(अमरावती से निर्दलीय सांसद) 
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा, "पहली बार संसद सदस्य बनी बहुत सारी यादें हैं. चार साढ़े साल हो गए. कभी सोचा नहीं था यहां आ आऊंगी. लोगों को सेवा करने का मौका मिलेगा. मैं सैनिक परिवार से हूं, तो मदद करने की भावनाएं है. देश के प्रति राष्ट्रवाद के प्रति भावना तो बचपन से ही है. एक नॉर्मल फैमिली से ताल्लुक रखती हूं. मेरी पहचान आज अमरावती से सांसद को लेकर है. हमने केवल सुना था, लेकिन प्रधानमंत्री को काम करते हुए देखा है. वह देश के हित में काम करते हैं."

केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश
केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा, "मैं तो एक फोटोग्राफर की लड़की हूं. बहुत सारी यादें हैं. नई यादें भी हैं. यही जगह है, जहां चार नंबर के गेट से आती जाती हूं. यहां बहुत सारी घटनाओं को देखा है. जब से नए संसद की भव्यता देखी, तब से वहां जाने के लिए उत्सुक हूं."

बिहार से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव
बिहार से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कहा, "नया कार्ड, नई ऊर्जा, नई सोच, नई तरह की शक्ति और क्षमता के लिए हम लोग नए भवन में जाएंगे. आने वाले दिनों में हिंदुस्तान और मजबूत होगा. यह विकसित भारत बन जाएगा, जहां देशवासियों को एक नई तरह की अनुभूति होगी. पुराने भवन को हम हमेशा याद करेंगे. इसी पुराने भवन से हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा है. बहुत सारी यादें हैं, जो हमारे साथ रहेंगी."

बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी
बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, "बहुत सारी यादें हैं. इतिहास के हम साक्षी हैं. यहां पर हमने 4 साल बिताया. नए पार्लियामेंट में हम नए संकल्प लेकर जा रहे हैं."

चिराग पासवान
एलजेपी के चिराग पासवान ने कहा, "यकीनन मेरे लिए यह एक भावुक क्षण है. मेरे पिता रामविलास पासवान जी मेरा हाथ पकड़ कर यहां लाए थे. उन्होंने बहुत कुछ सिखाया. 9 साल का मेरा अनुभव है. मेरे नेता और मेरे पिता के माध्यम से संसद की कार्य प्रणाली मैंने देखी है. नए भवन में जाने का उत्साह बहुत है. प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हम उन गौरवशाली लोगों में हैं, जो इतिहास और भविष्य की कड़ी बने."

बीजेपी सांसद रमा देवी
बिहार के शिवहर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद रमा देवी ने कहा, "पुराने संसद भवन को लेकर जो यादें हैं, कैसे-कैसे लोग लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए आए. कैसे आगे की तरफ बढ़ते रहें. सुधार करते रहें. धीरे-धीरे सुधार हुआ. लोगों ने अपनी छाप छोड़ी है. आज मोदी जी ने जो वक्तव्य दिया है, उसे लगता है कि एक बाप बेटे को समझा रहा है या बेटा बनकर लोगों के बीच अपनी उपस्थिति जता रहा है."

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने कहा, "आज हम लोग नई संसद में प्रवेश करेंगे. विधिवत हमारा आई कार्ड बन गया है, लेकिन पुरानी संसद की यादें कभी भुलाई नहीं जा सकती. वह सीट मुझे हमेशा दिखती है जहां से 370 पास किया गया था. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठकर बेंच थपथपाया था. ऐसे बहुत सारे निर्णयों की यादें रहेंगी. हम एक बड़े संसद भवन में जा रहे हैं. नई उम्मीदों को लेकर वहां जाएंगे."

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