"गीता प्रेस सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि जीवंत आस्था है..": शताब्दी समारोह में PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा, "1923 में गीता प्रेस के रूप में  यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है. हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की स्वर्ण शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं.

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वाराणसी:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भाग लिया. गोरखपुर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया. गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ संस्था नहीं, बल्कि जीवंत आस्था है. गीता प्रेस का कार्यलाय करोड़ों-करोड़ लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है. इसके नाम और काम में भी गीता है, जहां गीता है वहां साक्षात् कृष्ण भी है.

पीएम मोदी ने कहा, "हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरुस्कार भी दिया है. गांधी जी का गीता प्रेस से भावनात्मक जुड़ाव था. एक समय में गांधी जी कल्याण पत्रिका के माध्यम से गीता प्रेस के लिए लिखा करते थे. मुझे बताया गया कि गांधी जी ने ही सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जाएं. कल्याण पत्रिका आज भी गांधी जी के सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है."

पीएम मोदी ने कहा, "1923 में गीता प्रेस के रूप में  यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है. हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की स्वर्ण शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं. गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती है."

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस अपनी 100 वर्ष की शानदार यात्रा लेकर आगे बढ़ा है. इस 100 वर्षों की शानदार यात्रा में विगत 75 वर्षों में कोई प्रधानमंत्री आज तक गीता प्रेस में नहीं आया, क्योंकि गीता प्रेस भारत की मूल आत्मा को जागृत करने का काम किया है. 2021 के गांधी शांति पुरुस्कार के योगदान को सम्मानित करने का कार्य किया.
 

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