कर्नाटक में नई आरक्षण नीति फिलहाल लागू नहीं होगी : SC

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि कर्नाटक (Karnataka) में नई आरक्षण नीति फिलहाल लागू नहीं होगी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में नई आरक्षणँ नीति पर रोक लगा दी है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka) में मुस्लिमों को प्राप्त 4 फीसदी आरक्षण (4% Reservation) को खत्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि कर्नाटक में नई आरक्षण नीति फिलहाल लागू नहीं होगी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण खत्म करने का फैसला नौ मई तक लागू नहीं होगा क्योंकि राज्य ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.

न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा था कि मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का पिछली सरकार का फैसला नौ मई तक जारी रहेगा. नौ जुलाई को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली दलीलों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के, इस मामले की आगे की सुनवाई की जाएगी. राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई शुरू होने पर कहा कि वह दिन में जवाब दाखिल करेंगे.

क्या है आरक्षण का मामला 
कर्नाटक सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के मुसलमानों के लिए चार फीसदी कोटा समाप्त करते हुए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की दो नई श्रेणियों की घोषणा की थी. ओबीसी मुसलमानों के 4 फीसदी कोटे को वोक्कलिगा और लिंगायत समुदायों के बीच 2- 2 फीसदी आरक्षण बांट दिया था. यही नहीं, आरक्षण के लिए पात्र मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के तहत वर्गीकृत कर दिया था. राज्य सरकार के फैसले के बाद अब वहां आरक्षण की सीमा करीब 57 फीसदी हो गई है. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसके सामने पेश किए गए रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि कर्नाटक सरकार का फैसला ‘‘पूरी तरह से गलत धारणा'' पर आधारित है.

Advertisement

 यह भी पढ़े : 

Featured Video Of The Day
UP News: शहर-शहर मंदिर, मस्जिद! Uttar Pradesh में सनातन के कितने निशान... कौन परेशान? | NDTV India